Hastakshep.com-देश-इतिहासकार रामचंद्र गुहा-itihaaskaar-raamcndr-guhaa-फिल्मकार मणिरत्नम-philmkaar-mnnirtnm-भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले)-bhaart-kii-kmyunistt-paarttii-maale-भीड़ हिंसा-bhiidddh-hinsaa-राजद्रोह-raajdroh-श्याम बेनेगल-shyaam-benegl

सर्वोच्च न्यायालय से दखल देने की अपील

लखनऊ, 4 अक्टूबर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य इकाई ने भीड़ हिंसा पर कड़े कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बीती जुलाई में पत्र लिखने वाले इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फिल्मकार मणिरत्नम, श्याम बेनेगल समेत देश की 50 जानी-मानी हस्तियों के खिलाफ मुजफ्फरपुर (बिहार) की एक अदालत के आदेश पर गुरुवार को थाने में एफआईआर दर्ज करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि राजद्रोह जैसी गंभीर धाराओं में प्रख्यात बुद्धिजीवियों, रंगकर्मियों व फ़िल्मकारों के खिलाफ मुकदमा लिखा जाना लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। इन सम्मानित हस्तियों ने देश को शर्मिंदा करने वाली एक ज्वलंत समस्या - मॉब लिंचिंग - पर अपनी चिंताओं से प्रधानमंत्री को अवगत कराने और इसे रोकने के लिए जरूरी उपाय करने की अपील की थी। ऐसा करके उन्होंने लोकतंत्र में एक सजग और जिम्मेदार नागरिक होने के दायित्यों का ही निर्वहन किया था। ऐसे में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। यह कार्रवाई ऐसा एहसास कराती है मानो हम अघोषित इमरजेंसी में रह रहे हों।

उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से इसमें दखल देने और उक्त एफआईआर को निरस्त करने की अपील की। कहा कि पूरे देश को कश्मीर नहीं बनने दिया जा सकता जहां बोलने की आजादी से लेकर तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी गई हों।

CPi-ML demands FIR lodged against renowned personalities who wrote letter to PM on mob lynching be expunged. Appeals SC to intervene in the matter

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