चित्तौड़गढ़ 02.09.2019. सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामचंद्र नन्दवाना के जन्म शताब्दी वर्ष (Birth centenary year of the famous freedom fighter Ramchandra Nandwana) में साहित्य संस्कृति के संस्थान संभावना द्वारा प्रारम्भ किये गए 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' की घोषणा कर दी गई है।
संभावना के अध्यक्ष डॉ के सी शर्मा ने बताया कि पहला 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' उदयपुर निवासी माधव हाड़ा को उनकी चर्चित कृति 'पचरंग चोला पहन सखी री' पर दिया जाएगा।
डॉ शर्मा ने बताया कि बनारस निवासी वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार प्रो काशीनाथ सिंह, भोपाल निवासी वरिष्ठ हिंदी कथाकार स्वयं प्रकाश और जयपुर निवासी वरिष्ठ लेखक डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल की चयन समिति ने सर्व सम्मति से मीरां पर लिखी गई इस कृति को पुरस्कार के योग्य पाया।
काशीनाथ सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि विगत वर्षों में आई मध्यकाल के साहित्य पर यह किताब एक नयी दृष्टि से विचार करती है और मीरां जैसी कवयित्री पर हिंदी समाज का ध्यान फिर से ले जाती है।
स्वयं प्रकाश ने इस पुस्तक को मीरां पर एक नयी और मौलिक दृष्टि और नए प्रमाणों के साथ रौशनी डालने वाली कृति बताया।
डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने अपनी अनुशंसा में इसे शोध और अकादमिकी की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माना। डॉ अग्रवाल ने संस्तुति में कहा कि शोध और अकादमिकी में हिंदी साहित्य का मान बढ़ाने वाली दुर्लभ कृतियों में 'पचरंग चोला पहन सखी री' का नाम लिया जाएगा।
डॉ शर्मा ने बताया कि 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' में कृति के लेखक को ग्यारह हजार रुपये,शाल और प्रशस्ति पत्र भेंट किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ में आयोज्य समारोह में डॉ हाड़ा को सम्मानित किया जाएगा।
संभावना द्वारा पुरस्कार के संयोजक डॉ कनक जैन ने बताया कि राष्ट्रीय महत्त्व के इस सम्मान के लिए देश भर से कुल चौंतीस कृतियां प्राप्त हुई थीं, जिनके मूल्यांकन के पश्चात् गुणवत्ता और नवीनता के आधार पर चयन समिति ने
First 'freedom fighter Ramchandra Nandwana Smriti Samman' to Madhav Hada