कोलकाता से दुःखद खबर है। ज्योति बसु के मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री श्यामल चक्रवर्ती का कोरोना से निधन हो गया। वे मंत्री रहते हुए बस से आम लोगों की तरह सफर करते थे। मृत्यु पर्यंत आम आदमी की ज़िंदगी जीते रहे।
बसु मंत्रिमंडल में ज्यादतर लोग बेहद प्रतिबद्ध और आम जनता से जुड़े हुए पढ़े लिखे बुद्धिजीवी थे, जिनमें अर्थशास्त्री अशोक मित्र भी थे।
आज हम देखते हैं कि नैतिकता और मूल्यों की पार्टी के मंत्री, सांसद, विधायक, मेयर, नगर पंचायत चेयरमैन, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य से लेकर हर जन प्रतिनिधि का कमीशन पहले तय होता है, फिर नियुक्ति, स्थानांतरण होता है, विकास के काम होते हैं। बड़े पैमाने पर बन रहे धर्मस्थल का कमीशन खाने में भी पीछे नहीं हटते धर्म की राजनीति के छोटे बड़े नेता।
योग्य उम्मीदवारों को संविदा पर चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए भी 10 से 15 लाख की रिश्वत जरूरी है। बिना रिश्वत स्कूल कॉलेज में दाखिला, बैंक लोन, इलेक्ट्रिक कनेक्शन कुछ भी नहीं मिलता।
ऐसे रामराज्य में स्वर्गवास करते हुए श्यामल चक्रवर्ती जैसे ईमानदार जनप्रतिनिधियों का कोरोना का शिकार होना शोक समाचार है, हम जैसे लोगों के लिए जो कोरोना महोत्सव में शामिल 130 करोड़ देशभक्तों में शामिल नहीं हैं।
पलाश विश्वास