नई दिल्ली, 17 मार्च 2020. भारत के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई (Former chief justice of india Justice Ranjan Gogoi) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द (Ramnath Kovind) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) के लिए नामित किया है। यह खबर आते ही सोशल मीडिया में उबाल आ गया और गोगोई द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों पर सवाल उठना शुरू हो गए। लेकिन इससे इतर उनके पूर्व सहकर्मी और अवकाश प्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मदन बी लोकुर (Justice (rtd) Madan B Lokur) ने सख्त टिप्पणी की है.
'जो सम्मान जस्टिस गोगोई को अब मिला है उसके कयास पहले से ही लगाये जा रहे थे। ऐसे में उनका नामित किया जाना चौंकाने वाला नहीं है, लेकिन यह जरूर अचरज भरा है कि ये बहुत जल्दी हो गया. यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और अखंडता को फिर से परिभाषित करता है।'
इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि क्या आखिरी स्तंभ भी ढह गया है?
याद रहे कि जनवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जजों जस्टिस गोगोई, जस्टिस लोकुर, जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ, ने एक अभूतपूर्व कदम में, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के आचरण पर सवाल उठाया था, विशेषकर महत्वपूर्ण मामलों के आवंटन पर।
बता दें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। केंद्र सरकार ने सोमवार की शाम इस संबंध में अधिसूचना जारी की।
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गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है,
"भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (तीन) के साथ पठित खंड (एक) के उपखंड (क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति, एक मनोनीत सदस्य की सेवानिवृत्ति के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए रंजन गोगोई को राज्यसभा का सदस्य मनाीनीत करते हैं।"
न्यायमूर्ति गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश रहे। उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला।
18 नवंबर, 1954 को असम में जन्मे रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की। उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था।
28 फरवरी, 2001 को रंजन गोगोई को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति गोगोई 23 अप्रैल, 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे और बाद में मुख्य न्यायाधीश भी बने।
Justice Madan B Lokur's response to Justice Ranjan Gogoi being nominated to Rajya Sabha