नई दिल्ली, 02 सितंबर 2019. सरदार सरोवर जलाशय का जल स्तर बढ़ाए जाने के विरोध में अनशन कर रही सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के “नर्मदा चुनौती सत्याग्रह” का आज नवां दिन है। मेधा के आंदोलन को माकपा नेता और राज्यसभा की पूर्व सदस्य सरला माहेश्वरी ने भी समर्थन दिया है।
बता दें कि मेधा पाटकर के नेतृत्व में 25 अगस्त से नर्मदा चुनौती सत्याग्रह जारी है। मेधा पाटकर के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्रों के 8 लोग (भगवान पाटीदार, निर्मलाबाई यादव, सुभद्राभाई केवट, भगवानभाई पाटीदार, भुवानभाई, किशोरभाई, जीतेंद्र कहार और धीरजभाई) भी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। सरदार सरोवर जलाशय का जल स्तर बढ़ाए जाने से मध्य प्रदेश के 192, महाराष्ट्र के 33 और गुजरात के 19 गांव प्रभावित हैं। कुल मिलाकर लगभग 32 हजार परिवारों पर इसका प्रभाव है। आंदोलन की मांग है कि जब तक प्रभावित परिवारों का उचित पुनर्वास न हो जाए, बांध का जलस्तर 122 मीटर ही रखा जाए।
आंदोलनकारी बताते हैं कि नर्मदा कंट्रोल ऑथिरिटी (एनसीए) के प्रावधानों के मुताबिक बांध के जलाशय का पानी 138.68 मीटर बिना पुनर्वास के नहीं किया जा सकता। यह पानी भी 8 अक्टूबर तक क्रमिक तरीके से बढ़ाया जाना था।
मेधा पाटकर के नर्मदा चुनौती सत्याग्रह को समर्थन देते हुए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पूर्व संसद् सदस्य (राज्य सभा) सरला माहेश्वरी ने कहा है कि मेधा जी और सभी साथियों के संघर्ष को हमारा सलाम। उनके साथ इस पूरे क्षेत्र में कई वर्ष पहले हम घूमे थे। मीटिंग और जनसुनवाई कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।
सरला माहेश्वरी ने कहा कि मेधा जी आपके साथ आज फिर यह गीत हम गुनगुना रहें हैं
"कहाँ राम है या रहीम है
यह प्रकृति जीवन मेरा
मेरी ज़मीं, जंगल मेरा
यह जल ही है जीवन मेरा"
Former MP Sarla Maheshwari supports Medha Patkar