नई दिल्ली, 26 अप्रैल। 17वीं लोकसभा के लिए हो रहे आम चुनाव (General election for 17th Lok Sabha) की 303 सीटों पर चुनाव पूरा होने के बाद नौ राज्यों की 71 सीटों पर चौथे चरण के चुनाव (Fourth phase elections) में आगामी 29 अप्रैल को मतदान (Voting on 29th April) होने वाला है। इसमें भारतीय जनता पार्टी- Bharatiya Janata Party (भाजपा) के समक्ष 45 सीटों को अपने खाते में बचाए रखने की चुनौती है। इनमें से अधिकतर सीट हिंदी पट्टी में हैं।
चौथे चरण में नौ राज्यों की 71 सीटों पर चुनाव
Elections on 71 seats of nine states in the fourth phase
जिन सीटों पर चौथे चरण के अंतर्गत चुनाव होने वाले हैं, उनमें महाराष्ट्र की 17, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की 13-13, पश्चिम बंगाल की आठ, मध्य प्रदेश की छह, ओडिशा की छह, बिहार की पांच व झारखंड की तीन सीटें शामिल हैं।
2014 के चुनाव में भाजपा ने 71 में से जीती थीं 45 सीटें
In the 2014 elections, the BJP won 71 out of 45 seats
2014 के चुनाव में, भाजपा ने इन 71 सीटों में से 45 पर जीत दर्ज की थी। इनमें से पार्टी ने राजस्थान की सभी 13, उत्तर प्रदेश की 13 में से 12, मध्य प्रदेश की छह में से पांच, बिहार की पांच में से तीन, झारखंड की सभी तीन सीटों पर, महाराष्ट्र की 17 में से आठ सीटों पर और पश्चिम बंगाल की आठ में से एक सीट पर जीत दर्ज की थी। महाराष्ट्र में बाकी बची नौ सीटों पर शिवसेना ने और बिहार में बची दो सीटों पर भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने कब्जा जमाया था।
2014 में इन 71 सीटों में से कांग्रेस ने केवल दो सीटें जीती थी। एक मध्य प्रदेश में और एक पश्चिम बंगाल में।
अन्य पार्टियों में, बीजू जनता दल ने ओडिशा की सभी छह सीटों, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने छह सीटों और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने एक सीट पर कब्जा जमाया था।
2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले राजनीतिक परिदृश्य बदल चुका है
Political scenario has changed since 2014 Lok Sabha elections
बिहार में, अब राजनीतिक परिदृश्य 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले बदल चुका है।
2014 में बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड), भाजपा के विरुद्ध लड़ी थी, लेकिन इस बार पार्टी राजग गठबंधन का हिस्सा है। जदयू राज्य में अब राजग गठबंधन के अन्य पार्टियों के साथ मिलकर अपने पुराने सहयोगी राजद, कांग्रेस व अन्य छोटी पार्टियों का सामना कर रही है।
इस चरण का चुनाव समस्तीपुर में लोजपा नेता रामचंद्र पासवान के भाग्य का फैसला करेगा।
दरभंगा में इस बार रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। यहां पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतने वाले कीर्ति आजाद इस बार कांग्रेस के साथ हैं। उन्हें हालांकि टिकट नहीं दिया गया है। कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी राजद ने यहां से अपने वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को उतारा है।
झारखंड में भाजपा को इस बार कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), राजद और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के गठबंधन से मुकाबला करना होगा। ये पार्टियां यह सुनिश्चित करना चाहेंगी कि भाजपा यहां की 14 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज करने के अपने पूर्व के प्रदर्शन को दोहरा नहीं सके।
कमलनाथ के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना यह चुनाव
मध्य प्रदेश में, कांग्रेस नेता व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है, जिन्होंने पांच माह पहले ही यहां सत्ता संभाली है।
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मध्य प्रदेश में जबरदस्त प्रदर्शन किया था, लेकिन पिछले वर्ष दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज कर भाजपा के 15 वर्षो के शासन का अंत कर दिया था।
कांग्रेस यहां विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में भी सफलता की उम्मीद लगाए हुए है।
विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों का मत प्रतिशत लगभग समान था, इसलिए यहां मुकाबला काफी कड़ा होने की उम्मीद है।
इस चुनाव में एक बड़ा आकर्षण का केंद्र यह है कि भाजपा ने मालेगांव विस्फोट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।
महाराष्ट्र में चौथे चरण के चुनाव के अंतर्गत मुंबई शहर की सभी सीटों पर चुनाव होंगे।
यहां कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा, अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर, अभिनेता संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त तो भाजपा की तरफ से पार्टी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन चुनाव मैदान में हैं।
कांग्रेस यहां अपना जनसमर्थन दोबारा वापस पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है। भाजपा और शिवसेना ने 2014 में शहर की सारी सीटों पर कब्जा जमाया था।
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के पौत्र पार्थ पवार मावल सीट से पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
ओडिशा में भाजपा, बीजद को कड़ी चुनौती देकर राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है। बीजद का यहां एक दशक से ज्यादा समय से जबरदस्त प्रभाव है।
यहां केंद्रपाड़ा में एक दिलचस्प मुकाबला होने वाला है, जहां भाजपा में शामिल होने वाले बीजद के पूर्व नेता जय पांडा अभिनेता से नेता बने अनुभव मोहंती के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले हैं।
चौथे चरण में राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे की पारंपरिक सीटों पर मुकाबला है।
गहलोत के बेटे वैभव जोधपुर से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और वह मौजूदा भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ खड़े हैं।
राजे के बेटे दुष्यंत सिंह झालावार-बारन से दोबारा चुनाव जीतना चाहते हैं। राजे ने भी यहां से पांच बार जीत दर्ज की थी।
उत्तर प्रदेश में चौथे चरण में बुंदेलखंड की अधिकतर सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। यहां भाजपा ने 2014 में जबरदस्त जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी (सपा)और बहुजन समाज पार्टी(बसपा) साथ लड़ रहे हैं, इसलिए मुकाबला कड़ा है।
क्षेत्र में इसबार चुनाव में कृषि मुद्दे का जोर है।
इस चरण में कानपुर और फरुखाबाद में भी चुनाव होंगे। कांग्रेस ने कानपुर से श्रीप्रकाश जयसवाल को और फरु खाबाद से सलमान खुर्शीद को उतारा है।
भाजपा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को इस बार टिकट नहीं दिया है और कानपुर से राज्य मंत्री सत्यदेव पचौरी को मैदान में उतारा है।
पश्चिम बंगाल में भाजपा, तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ जबरदस्त प्रचार कर रही है। तृणमूल 2011 के बाद से यहां राजनीतिक रूप से मजबूत स्थिति में है।
इस चरण के तहत, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सांसद बाबुल सुप्रियो आसनसोल सीट से दोबारा जीत दर्ज करने के लिए जोर लगा रहे हैं। उनका सामना तृणमूल कांग्रेस की मुनमुन सेन से है।
कांग्रेस ने 2014 में बहरामपुर सीट जीती थी और इसके मौजूदा सांसद अधीर रंजन चौधरी तृणमूल कांग्रेस से नई चुनौतियों को सामना कर रहे हैं।
Fourth phase of general elections: Modi's BJP in the depression, how to survive 45 seats