लखनऊ 25 सितंबर 2019. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जगदीश्वर चतुर्वेदी ने कहा है कि हम बंदर से मनुष्य बने पर यह सरकार फिर से बंदर बनाने की ओर ले जा रही है. मीडिया की स्वतंत्रता अब एक जुमला हो गई है. हमें तय करना होगा कि हम सत्य के साथ हैं कि धर्म के. कब तक 70 लाख लोग कश्मीर में कैद रहेंगे. खबर नहीं छापेंगे तो क्या सत्य सामने नहीं आएगा. बाबरी मस्जिद विध्वंस के वक़्त भी खबरें कत्ल की गईं पर सच्चाई पूरी दुनिया जानती है.
श्री चतुर्वेदी आज यहां चर्चित पत्रिका लोकसंघर्ष की ओर से यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में धर्म निरपेक्षता और सामाजिक विकास की चुनौतियां विषय पर आयोजित गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आपातकाल से ज्यादा लोग आज कश्मीर में बंद हैं. मैं जानना चाहता हूं कि हम चुप क्यों हैं. हमें याद करना होगा अम्बेडकर को, उन्होंने कहा था कि देश महत्वपूर्ण नहीं, राष्ट्र महत्वपूर्ण नहीं हैं, धर्म महत्वपूर्ण नहीं है महत्वपूर्ण है तो मनुष्य. वो मनुष्य क्या कश्मीर में हो रही ज्यादतियों पर आँखे मूंद लेगा ?
अध्यक्षीय वक्तव्य में रिहाई मंच अध्यक्ष और लोकसंघर्ष पत्रिका के मुख्य सलाहकार मुहम्मद शुऐब ने कहा कि सामाजिक विकास के साथ आर्थिक विकास भी बेहद जरूरी है.
लोकसंघर्ष पत्रिका के प्रबंध संपादक रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि पत्रिका का मौजूदा अंक कश्मीर के विकास को लेकर सरकार के विरोधाभासी रवैये पर केंद्रित है. कश्मीर को लेकर मसीहुद्दीन संजरी, स्वामी अमृत पाल सिंह 'अमृत', ऐशालीन मैथ्यू, निताशा कौल, सत्यम श्रीवास्तव, ईश मिश्रा और हफ़ीज़ के लेख महत्वपूर्ण हैं.
लोकसंघर्ष पत्रिका की ओर महंत वी पी दास को गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया है
गोष्ठी में बाबा बीपी दास, महंत देव्या गिरी, सृजनयोगी आदियोग, डॉ. राघवेंद्र प्रताप सिंह,