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रायपुर/12 अप्रैल 2019। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Bharatiya Janata Party national president Amit Shah) के डोंगरगढ़ की सभा के भाषण पर पलटवार करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि श्री शाह जनता को गुमराह करने के बजाय छत्तीसगढ़ में पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा राजपत्र में आदेश जारी कर 2012 में सीबीआई को बिना अनुमति कार्यवाही करने से रोकने का स्पष्ट कारण बताए। 60 महीने से केन्द्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार सीबीआई को विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। भाजपा की केन्द्र सरकार की उन योजनाओं के बारे में बताएं जो देश के आर्थिक विकास और नवनिर्माण, रोजगार के नये अवसर पैदा करने में सहायक साबित हुई हो।

श्री त्रिवेदी ने कहा कि अमित शाह अपने घोषणा पत्र के चार वायदों विदेश से कालाधन, हरेक खाते में 15 लाख, हर साल 2 करोड़ रोजगार देने के बारे में किये गये वायदों का ही हिसाब दें दें।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री ने कहा कि अमित शाह में साहस नहीं है कि वे नोटबंदी और जीएसटी के बारे में देश की जनता के सामने कुछ बोल पायें। इसीलिये नोटबंदी की त्रासदी के बारे में जिसने देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार को छीन लिया वे मौन थे। उनमें व्यापार को चौपट करने वाली जीएसटी के बारे में बोलने का भी साहस नहीं था। देश और छत्तीसगढ़ का युवा हर साल दो करोड़ रोजगार के बारे में जानना चाहता है। देश के किसान उनकी ऊपज की कीमत के बारे में जानना चाहते है। लोग 15 लाख की जुमलेबाजी और विदेश से कालाधन लाने की सच्चाई भी जानना चाहते हैं। अमित शाह जिस राजनांदगांव लोकसभा में झूठ बोलकर गये वहां के मतदाता भाजपा सांसद

अभिषेक सिंह के विदेशी खाते की सच्चाई भी सुनना चाह रहे थे। अमित शाह में साहस होता तो वे रमन सरकार के गरीबों के राशन के 36000 करोड़ के महाघोटाला नान पर कुछ सफाई देते।

श्री त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती रमन सरकार के द्वारा नक्सलवाद के खात्मे का दावा करने के पहले अमित शाह को थोड़ी जानकारी एकत्रित कर लेनी थी। रमन राज के 15 सालों में बस्तर के 4 ब्लाक से निकलकर माओवाद राज्य के 14 जिलों तक पहुंच गया। 5 साल में मोदी सरकार की नक्सल नियंत्रण की उदासीनता का भी अमित शाह को जवाब देना था। अमित शाह चुनावी वायदों को जुमलेबाजी मानते है झूठे आरोप और झूठे वायदे कर चुनाव में मत हासिल करना भाजपा और शाह की फितरत है। डोंगरगढ़ की रैली में भी उन्होंने अपने उसी चरित्र का दोहराव किया।

कांग्रेस नेता ने कहा है कि मां बम्लेश्वरी की पावन धरा डोंगरगढ़ में एक बार फिर से अमित शाह झूठ और फरेब बोल गये। अपने पिछले दौरे में मां बम्लेश्वरी के मंदिर में पुजारी द्वारा उनके माथे पर लगाये गये टीके को पोंछने का फल अमितशाह विधानसभा चुनाव में भोग चुके हैं। इसीलिये उन्होने प्रायश्चित में वे मां बम्लेश्वरी का गुणगान जरूर किया, लेकिन नवरात्र में शक्ति के धाम में अमित शाह को झूठ नहीं बोलना था। राहुल गांधी को चार पीढ़ियों का हिसाब देने की जरूरत नहीं है। शाह भारत की आजादी की लड़ाई से लेकर देश की आजादी के बाद भारत के नवनिर्माण के इतिहास का गंभीरता से अध्ययन कर लें उन्हें पं. मोतीलाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी,राजीव गांधी और सोनिया गांधी तक के देश के प्रति किये गये योगदान और बलिदान का ज्ञान खुद हो जायेगा।

डोंगरगांव सभा में दिए गए अमित शाह कs भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि डोंगरगांव की अपनी सभा में अमित शाह ने मोदी सरकार के 5 वर्षो के कार्यकाल की एक भी उपलब्धि का उल्लेख नहीं कर पाये। 5 वर्ष तक भाजपा के सरकार चलाने के बाद अमित शाह अपनी सरकार की एक भी उपलब्धि नहीं बता पा रहे हैं। 2014 के घोषणापत्र पर किये गये एक भी ठोस काम नहीं बता पाये। महंगाई, बेरोजगारी, कालेधन की वापसी, देश की रक्षा, व्यवस्था की मजबूती जैसे बड़े-बड़े वादे 2014 के घोषणापत्र में भारतीय जनता पार्टी ने किए थे। लेकिन अमित शाह आज डोंगरगांव की सभा में उस पर कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं थे। अमित शाह ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि 15 लाख की बात सिर्फ एक जुमला थी अमित शाह के पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे नितिन गडकरी ने कहा था कि 15 लाख हमारे गले की हड्डी बन चुका है। आज की सभा में अमित शाह से उम्मीद थी कि वह बताएंगे कि 15 लाख का संकल्प था, जुमला था, या वादा था, या भाजपा के गले की हड्डी है। इसके बावजूद अमित शाह द्वारा 2014 के घोषणापत्र पर कुछ भी नहीं कहने से भारतीय जनता पार्टी का खोखलापन जनता के सामने उजागर हो गया है।

Have some Shame ! Amit Shah did not have to lie in Navratri Shakti Dham.