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Help line numbers of many states show off, stranded migrant workers are suffering from hunger - release platform

आज़मगढ़ 6 अप्रैल 2020। देश में कोरोना पॉज़िटिव की संख्या (Number of corona positives in the country) तेज़ी से बढ़ रही है। इसलिए अतरिक्त सावधानी बरतने की ज़रूरत है। गांवों में मास्क वितरण के लिए न्यूनतम जोखिम के तरीकों पर विचार किया गया जिस पर अमल किया जाएगा।

रिहाई मंच प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि उम्मीद थी कि सरकार द्वारा खाद्य सामग्री के वितरण (Government Food Distribution) से राशन वितरण का दबाव कम होगा लेकिन खाद्य सामग्री के नाम पर केवल गेहूं और चावल के वितरण की खबर है। हालांकि सरकार की घोषणा के एतबार से पूरी खाद्य सामग्री का वितरण होना था। कमी कहां है इसकी खोज करने का समय नहीं है। इसलिए यह दबाव बरकरार रहने वाला है जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा।

आज़मगढ़ और अन्य जगहों के प्रवासी मज़दूरों के विभिन्न महानगरों में या घर वापस होते हुए रास्ते में फंस जाने के बाद और खानेपीने की चीज़ों की कमी की फोन कॉल्स आज भी आती रहीं। पूरे देश में ऐसे प्रवासी मज़दूरों के सामने भूख से बचने का संकट है।

राज्य सरकारों के हेल्पलाइन नम्बर मात्र दिखावा बनकर रह गए हैं। उन नम्बरों पर या तो फोन लगते ही नहीं या फिर सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं पहुंच पा रही है। कई स्थानों पर फंसे हुए लोगों की पुलिस के साथ टकराव की खबरें भी हैं। अगर राशन वितरण का काम गैर सरकारी स्तर से बड़े पैमाने पर न होता तो शायद अब तक कानून व्यस्था का मसला पैदा हो जाता। फिर भी, अगर सरकारें न चेतीं तो आने वाले समय में यह संकट बढ़ सकता है।

मिर्जापुर ब्लॉक पर एंटी रैबीज़ इंजेक्शन आ चुका है। इसके लिए मोर्चा तारिक शफीक ने संभाला था। दवाओं की आपूर्ति भी कुछ

हुई है लेकिन पर्याप्त नहीं है। उसकी प्रक्रिया को सरल बनाने की ज़रूरत है।

कल से गांव में लोगों से, खासकर युवा पीढ़ी से, मुलाकात कर अधिक सावधानी और संयम बरतने अनुरोध किया जाएगा। विशषज्ञों से अनुरोध है गांवों के जीवन को ध्यान में रखते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए अतरिक्त सावधानियों की निशानदेही करें।

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