रांची, 28 दिसंबर 2019. शायद यह पहली बार है कि किसी मुख्यमंत्री की ताजपोशी, विपक्षी एकता के रूप में राष्ट्रीय चर्चे में है। कारण साफ है कि जिस तरह से राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास के राजनीतिक गुरूर को विपक्षी एकता ने ध्वस्त किया, वह झारखंड के राजनीतिक इतिहास का पन्ना बन चुका है। झारखंड के विगत विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2019) में देश के गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तमाम तरह के कूटनीतिक प्रयास को झारखंडी जनता ने किक आउट कर दिया और विपक्ष को बहुमत की ट्रॉफी थमा दी, तो इसका श्रेय हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को इसलिए जाता है कि उन्होंने बड़ी शालीनता के साथ गठबंधन के सभी लोगों को आपस में जोड़े रखा।
बता दें कि हेमंत सरकार का 29 नवंबर को मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह झारखंड की राजधानी रांची के मोराबादी मैदान (Morabadi Maidan of Ranchi) में है। जिसमें देश के लगभग राजनीतिक चेहरों को आमंत्रित किया गया है। इस शपथ ग्रहण समरोह में हेमंत सोरेन द्वारा पक्ष और विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इस शपथ समारोह में कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी आमंत्रित किया गया है और रघुवर दास ने भी आमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘नामित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास को फोन करके अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया है। रघुवर दास 29 दिसंबर को सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।’
बता दें कि भाजपा सरकार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चुनाव प्रचार के दौरान एक चुनावी सभा में हेमंत सोरेन को अपशब्द कहा कहा था, जिसके खिलाफ
अब 29 दिसंबर को नई सरकार का रांची के मोराबादी मैदान में शपथ ग्रहण है। सोरेन के इस ताजपोशी में सियासी जगत के बड़े-बड़े नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, राहुल गांधी कांग्रेस, पूर्व केंद्रीय मंत्री अहमद पटेल, पी चिदम्बरम, प्रियंका गांधी—महासचिव कांग्रेस, अखिलेश यादव, मायावती—पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, तेजस्वी यादव—पूर्व उप मुख्यमंत्री बिहार, शरद पवार—अध्यक्ष एनसीपी, ममता बनर्जी—मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल, अशोक गहलोत—मुख्यमंत्री राजस्थान, कमलनाथ—मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश, भुपेन बघेल- मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़, उद्धव ठाकरे—मुख्यमंत्री महाराष्ट्र, शरद यादव, एमके स्टालिन—अध्यक्ष डीएमके, कुमार स्वामी—मुख्यमंत्री कर्नाटक, अरविंद केजरीवाल—मुख्यमंत्री नई दिल्ली, हरिवंश—उप सभापति राज्यसभा, कन्हैया कुमार—युवा नेता सीपीआई, केसी वेणुगोपाल—नेता कांग्रेस, झारखंड कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, सह प्रभारी कांग्रेस उमंग सिंघार, चन्द्रबाबू नायडू—पूर्व मुख्यमंत्री आन्ध्र प्रदेश, टीआर बालू, कनीमोझी सांसद, अब्दुल बारी सिद्दीकी—पूर्व मंत्री बिहार सरकार, हरीश रावत—मुख्यमंत्री उत्तराखंड, रंजन—पटनायक अध्यक्ष उड़ीसा कांग्रेस शमिल हैं।