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भाजपा शासित पूर्वोत्तर, गोवा में गौ-मांस भक्षण पर लिंचिंग क्यों नहीं होती ?

हिन्दू राष्ट्रवाद भारत राष्ट्र की तबाही सिद्ध होने जा रहा है

मधुवन दत्त चतुर्वेदी

अहम सवाल !

यदि गौ-मांस भक्षण लिंचिंग की वजह है तो ये घटनाएं पूर्वोत्तर भारत, बंगाल, गोवा, महाराष्ट्र, केरल आदि राज्यों में क्यों नहीं हो रहीं ? वहाँ कई जगह बीजेपी की भी सरकार है।

मोदी सरकार में मंत्री किरण रिजिजू भी गौ-मांस खाता है। केबिनेट के सदस्य उसकी लिंचिंग क्यों नहीं करते ?

लिंचिंग सिर्फ उन इलाकों में हो रही है जहाँ गाय वोट दिला सकती है। बाकी तो मोदी का मंत्री रिजजू गाय खाता रहे, गोवा में बीजेपी सरकार खुद गौ-मांस की आपूर्ति के लिए दुकानें खोलती रहे, कथित गौ-भक्तों पर कोई फर्क नहीं पड़ता!

अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है नरेंद्र मोदी के मंत्रियों द्वारा मॉब लिंचर्स का समर्थन किया जाना। दुनिया के दूसरे देशों की प्रेस में जिक्र आने लगा है। भारत के सुरक्षा परिषद की सदस्यता का दावा तो कमजोर होगा ही, देश की वैश्विक छवि को आघात पहुंचेगा। ज्यादा आगे बढ़े तो यह बातें अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप को निमंत्रण सिद्ध होंगी।

हिन्दू राष्ट्रवाद भारतराष्ट्र की तबाही सिद्ध होने जा रहा है।

लिंचिंग के कितने मामलों में रासुका लगी है ? कितने मामलों में सेडिशन की धाराएं लगीं हैं ? क्या यह कानून के राज को चुनौती नहीं है ? क्या यह समुदायों के बीच शत्रुता बढ़ाने की हिंसक गतिविधि नही है ? सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नहीं है ?

लिंचिंग नए किस्म का आतंकवाद है। यह राजनैतिक उद्देश्यों से योजनाबद्ध तरीके ये संचालित हो रहा है। संघ और सरकार दोनों खुलकर लिंचिंग के समर्थन में घटिया दलीलें दे रहे हैं। यह भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने

की हद तक पहुंच गया है। अपराध की ऐसी सरकारी पैरवी भारत ने इससे पहले कभी नहीं देखी। इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि शीघ्र ही विश्व समुदाय इसका संज्ञान ले और इसे आतंकवादी गतिविधियों में शुमार करे। हिंदुत्व की राजनीति वैश्विक हस्तक्षेप को निमंत्रण दे रही है।

(मधुवन दत्त चतुर्वेदी की फेसबुक टिप्पणियों का समुच्चय )

 

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