मेरठ, 20 अप्रैल। अस्पतालों में हाइजीनिक परिस्थितियों या खासतौर पर क्रिटिकल यूनिट में बुरी गुणवत्ता के चिकित्सा उत्पादों/ कन्ज़्यूमेबल्स का इस्तेमाल मरीज़ों की सुरक्षा के साथ बड़ा समझौता साबित हो सकता है, क्योंकि इससे वे मरीज़ संक्रमण का शिकार हो सकते हैं जो पहले से बीमारी से जूझ रहे हैं।
न्यूटेमा मल्टी-स्पेशलटी हॉस्पिटल, मेरठ (Nutema Hospital in Meerut) के क्रिटिकल केयर एण्ड एनेस्थीसिया (Critical Care and Anesthesia) के विभागाध्यक्ष (head of the department) डॉ. अवनीत राना (Dr. Avneet Rana) का कहना है कि
‘‘ऐसा अक्सर देखने में आता है कि अस्पताल में भर्ती मरीज़ वायरस, बैक्टीरिया या फंगल पैथोजन के कारण गंभीर हॉस्पिटल एक्वायर्ड इन्फेक्शन- Critical Hospital Acquired Infection (अस्पताल से होने वाला संक्रमण) का शिकार हो जाता है।
एक विज्ञप्ति के मुताबिक डॉ. अवनीत राना ने बताया कि इस संक्रमण के सबसे आम प्रकार हैं ब्लडस्ट्रीम इन्फेक्शन (Bloodstream infection), न्युमोनिया (Pneumonia), वेंटिलेटर एसोसिएट निमोनिया, (Ventilator Associate Pneumonia), यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Urinary tract infection,) और सर्जिकल साईट इन्फेक्शन (Surgical Site Infection)।
उन्होंने बताया कि अगर इस तरह के संक्रमण को जल्द से जल्द पहचान का इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। जिन मरीज़ों में इनवेसिव प्रक्रियाएं जैसी सर्जरी की जाती है, उनमें इस तरह के संक्रमण की संभावना अधिक होती है।
डॉ. राना के मुताबिक दवाएं, ब्लड या ग्लुकोज़ देने के लिए आई वी का इस्तेमोल, कैथेटर आदि अस्पतालों में संक्रमण (Infection in hospitals) का कारण
डॉ. अवनीत राना के मुताबिक,
‘‘आईवी फ्लूड बोतलों को उच्च मानकों के साथ पूर्णतया सेल्फ- कोलाप्सिबल होना चाहिए ताकि फ्लूड की सही डिलीवरी को सुनिश्चित किया जा सके, आई.वी. बोतल पोर्ट सिस्टम में उचित री-सीलेबिलिटी को सुनिश्चित किया जा सके, और इन्फ्रयूज़न नेट या नीडल से पंक्चर करने पर संक्रमण न हो। कंटेनर का डिज़ाइन संभावी सूक्ष्मजैविक संक्रमण के खतरे को कम करता है और सर्वोच्च सटीकता के साथ फ्लूड डिलीवरी को सुनिश्चित करता है, जिससे मरीज़ संक्रमण से बच जाता है। हालांकि आधुनिक तकनीकों के साथ अत्याधुनिक सर्जिकल इम्प्लान्ट, जीवन रक्षक उपकरण और दवाएं इस्तेमाल की जा रही हैं।“