पक्षियों की चहचहाहट आपको भी पसंद आती होगी और उनकी कभी तेज होती और कभी मधुर होती आवाज़ों को आप सुन भी पाते हैं लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि पक्षी कैसे सुनते होंगे? और पक्षियों के कान होते हैं या नहीं, क्योंकि उनके पास तो हमारी तरह दो कान होते ही नहीं है। इसके बावजूद पक्षियों को आवाज़ सुनकर चौंकने और बचकर यहाँ - वहाँ उड़ते हुए आपने भी देखा होगा।
ऐसे में इस सवाल का जवाब जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर पक्षी बिना कान के कैसे सुनते हैं।
सबसे पहले तो हमें ये जान लेना है कि भले ही पक्षियों के बाहरी कान दिखाई ना देते हों लेकिन फिर भी पक्षी सुनने की क्षमता रखते हैं। असल में पक्षियों में एक आंतरिक कान (Inner ear) होता है जो उनके सिर के अंदर एक संरचना होती है और खास बात ये है कि ये संरचना इंसानों की तरह ही होती है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में ये पाया गया कि बाहरी कान का काम पक्षी अपने सिर से करते हैं (Birds do external ear work with their heads) यानि सिर में स्थित संरचना से
पहले माना जाता था कि पक्षियों में बाहरी कान नहीं होने के कारण पक्षी अलग-अलग ऊंचाइयों से आने वाली आवाजों में फर्क नहीं कर पाते हैं लेकिन जब एक मादा श्यामापक्षी ये पता लगा पायी कि उसका साथी नर पक्षी उससे थोड़ी ऊंचाई पर ऊपर बैठा है, तब ये स्पष्ट हुआ कि पक्षियों का अंडाकार सिर ध्वनि ऊर्जा को उसी तरह रूपांतरित करता है जिस तरह हमारा बाहरी कान करता है।
(देशबन्धु में प्रकाशित लेख का संपादित अंश साभार)