समुद्र के पानी जितना विशाल हवा का भंडार हमारी धरती पर भी फैला पड़ा है। औसत कद काठी के एक मनुष्य के कंधों पर तकरीबन एक टन वजन हवा का दबाव (one ton weight air pressure) पड़ता है, लेकिन हमें यह बोझ महसूस नहीं होता क्योंकि लगभग इतनी ही हवा हमारे आसपास से भी दबाव डालती रहती है और यह दबाव सभी तरफ से हम पर पड़ता है।
सामान्यत: समुद्र तल पर प्रति वर्ग इंच हवा का दबाव 14.7 पौंड रहता है। जैसे-जैसे समुद्र तल से ऊंचाई (height above sea level) की तरफ बढ़ते चलते हैं तो हवा का दबाव (air pressure) तेजी से कम होता जाता है। जैसे 10 हजार फीट की ऊंचाई पर हवा का दबाव 10 पौंड प्रति वर्ग इंच रह जाता है। इसी तरह 29 हजार फीट की ऊंचाई (एवरेस्ट की ऊंचाई) पर यह दबाव केवल 4.5 पौंड प्रति वर्ग इंच रह जाता है। इसीलिए ऊंचाई पर चढ़ाई करते समय हम हांफने लगते हैं।
पर्वतारोही अपने साथ अतिरिक्त ऑक्सीजन लेकर चलते हैं क्योंकि ऊंचाई पर हवा का घनत्व कम हो जाता है और इस पतली हवा में ऑक्सीजन की मात्रा (amount of oxygen in thin air) भी बहुत कम रह जाती है। हवा का कुल वजन सही-सही आंकना लगभग असंभव है बल्कि इसके आकलन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। फिर भी अंदाज बताता है कि समुद्र तल पर 14.7 पौंड प्रति वर्ग इंच दबाव डालने वाली हवा कुल मिलाकर '5,000 मिलियन मिलियन टन' तक का दबाव डालती है।