भले ही आप बदलते मौसम को जिम्मेदार मानें या फिर हवा में बढ़ती नमी धूल और प्रदूषण को। डॉक्टरों के अनुसार इन दिनों लोग तेजी से जुकाम, गले में दर्द और बुखार (Cold, throat pain and fever) जैसी समस्याओं से पीड़ित हो रहे हैं। मौसम में आये बदलाव के साथ लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने लगती है, ऐसे मे वातावरण में फैले जीवाणु के कारण आसानी से लोग जुखाम, खांसी, बुखार एवं श्वास सम्बन्धी समस्याओं से पीडि़त हो जाते हैं।
आपको यह तो याद होगा ही कि स्वाइन फ्लू ने किस तरह लोगों को अपनी चपेट में लिया था। ऐसे में अगर सही समय पर फ्लू शॉट्स लगवा लिए जाते तो स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने के खतरे से काफी हद तक बचा जा सकता था। आइये जानते हैं विस्तार में क्या होते हैं यह फ्लू शॉट्स।
हर साल वायरस के स्ट्रेन बदलते हैं और उन बदले हुए वायरस के स्ट्रेन (Virus strains) से बचने के लिए नयी फ्लू शॉट को विकसित किया जाता है जो सितम्बर तक बन जाती है और अक्टूबर के महीने में उपलब्ध हो
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इन्फ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine - फ्लू शॉट्स ) फ्लू की रोकथाम में कारगर उपाय हैं जो छह महीने को बच्चा हो या 60 साल का बुजुर्ग, सभी आयु वर्ग के लोग लगवा सकते हैं।
फ्लू शॉट क्या है?
फ्लू शॉट एक प्रकार का टीका है जो तीन प्रकार के इन्फ्लुएंजा वायरस से हमें बचाव प्रदान करता हैं।
कितने प्रकार के होते हैं फ्लू शॉट | What are the types of flu shots
फ्लू शॉट तीन प्रकार के होते हैं
रेगुलर फ्लू शॉट इसे 6 महीने या उससे अधिक उम्र के बच्चों, स्वस्थ लोगों, गर्भवती महिलाओं के लिए उपयोगी माना गया है।
हाई डोज वैक्सीन यह 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है।
इंट्राडरमल वैक्सीन यह 18 से 64 वर्ष की आयु वालों के लिए उपयोगी है।
जरूर लगवायें यह फ्लू शॉट्स
कुछ ऐसी बीमारियां या स्थिति होती हैं जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जैसे की डायबिटीज, अस्थमा, हृदय रोग, निमोनिया, किडनी सम्बन्धी बीमारी, गर्भधारण के दौरान आदि। ऐसे में उन लोगों को जरूर ये फ्लू शॉट्स लगवाने चाहिए।
सावधानी : फ्लू वैक्सीन न लें अगर
6 माह से कम उम्र का बच्चा है
टीका लेने के दौरान जुखाम या बुखार हो
अगर आपको कभी जी बी सिंड्रोम बीमारी हुई है
अगर आपको अंडे से एलर्जी हो
फ्लू से बचने के उपाय | Ways to avoid the flu
फ्लू से बचने के लिए वैसे तो इंफ्लूएंजा वैक्सीन लेना ही बेहतरीन उपाय है, लेकिन कुछ आवश्यक बातों को ध्यान में रखने पर भी आप फ्लू से बचे रह सकते हैं।
भीड़ भाड़ वाले इलाको में जाने से बचें।
जब भी आप खांसते या छीकते हैं तो अपनी नाक और मुंह को किसी कपड़े की सहायता से ढक लें।
अपने हाथों को साबुन और पानी की सहायता से या सेनीटाइजर से अच्छी तरह साफ करें।
अपने आंख, नाक, मुंह को बार-बार छूने से बचें। इस तरह से कीटाणु फैलते हैं।
बीमार लोगों के कपड़ों के संपर्क में आने से बचें।
यदि आप फ्लू के कारण बीमार हैं तो करीब 24 घंटे तक घर से बाहर न निकलें।
संतुलित भोजन, व्यायाम और सही नींद भी फ्लू की रोकथाम (Flu prevention) में महत्वपूर्ण भमिका अदा करते हैं।
डॉ सुनील गुप्ता
(विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ सलाहकार, शिशु रोग विशेषज्ञ सरोज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली)
(मूलतः देशबन्धु में 2015-10-26 को प्रकाशित खबर का संपादित रूप)