रांची से विशद कुमार, 06 फरवरी 2021. किसान आंदोलन एकजुटता मंच झारखंड के दीपक रंजीत ने दिल्ली से भेजे गए एक प्रेस बयान में बताया है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांगों को लेकर दिल्ली के आसपास के बॉडरों में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में जमशेदपुर समेत झारखंड के सैकड़ों लोग किसान आंदोलन एकजुटता मंच के बैनर तले दिल्ली पहुँचे।
ज्ञात हो कि पिछले 5 महीने से चल रहे दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कई किसान संगठनों का नए कृषि कानून के खिलाफ चल रहे विरोध का समर्थन करते हुए झारखंड के विभिन्न जन संगठनों, सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में किसान आंदोलन एकजुटता मंच बनाया है और किसान आंदोलन को झारखंड के गांव से लेकर शहर तक पहुंचाने के लिए लगातार संघर्षरत हैं।
21 जनवरी 2021 को जमशेदपुर में एक बहुत बड़ी रैली का आयोजन किया गया और 26 जनवरी 2021 को आमबगान से लेकर साकची गुरुद्वारा से होते हुए डिमना बालीगुमा तक ऐतिहासिक ट्रैक्टर परेड निकाला गया था, जिसमें लगभग सैकड़ो ट्रैक्टर, कार और हजारों मोटरसाइकिल निकाला था और शामिल हुए थे।
झारखंड के तमाम अमन पसंद जन
झारखंड के विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने 5 फरवरी को गाजीपुर बॉर्डर जाकर राकेश टिकैत से मुलाकात की और आंदोलन को समर्थन दिया और साथ में धरती आबा बिरसा मुंडा का मोमेंटो भी दिया।
6 फरवरी को मंच के लोगों ने सिंधु बॉर्डर जाकर वहां के प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की और आंदोलन को मजबूत करने के संकल्प के साथ आंदलन को समर्थन दिया।
सभी संगठनों ने ऐलान किया है कि जब तक यह काला कानून निरस्त नहीं हो जाता है, तब तक यह आंदोलन हर दिन मजबूती के साथ चलता रहेगा।
दिल्ली गए जन संगठनों के प्रतिनिधियों में बाबू नाग, सुमित राय, दीपक रंजीत, भगवान सिंह, गीता सुंडी, तीर्थ नाथ आकाश, सुनील हेम्ब्रम, मुन्ना बड़ाइक, राजकिशोर महतो, महाबीर मुर्मू, गुरमीत गिल, प्रिंस सिंह, अजित तिर्की आदि लोग शामिल रहे।