इटावा। नुमाइश ग्राउंड के विकास प्रदर्शनी में चंबल फाउंडेशन द्वारा ‘चंबल पर्यटन’ जागरुकता प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. 'चम्बल पर्यटन' जागरूकता प्रदर्शनी का मकसद इटावा और चम्बल की उन जगहों के बारे में बताना है, जो ऐतिहासिक हैं और उनके बारे में लोगों को कम जानकारी है. चम्बल पर्यटन प्रदर्शनी के जरिये लोगों को इन जगहों पर जाने और जानने को प्रेरित किया जा रहा है.
चंबल फाउंडेशन द्वारा इस प्रदर्शनी का उद्घाटन इटावा महोत्सव के जनरल सेक्रेटरी एसडीएम सदर सिद्धार्थ द्वारा किया गया। उद्घाटन के दौरान सीओ सिटी, प्रेस क्लब इटावा के अध्यक्ष दिनेश शाक्य और पर्यावरणविद् डॉ. राजीव चौहान ने चंबल घाटी में पर्यटन से जुड़ी अपार संभावनाओं से रूबरू होने के बाद सुझाव भी दिया। इस दौरान चंबल टूरिज्म का मोनोग्राम भी जारी किया गया। चंबल पर्यटन का प्रतीक चिन्ह डिजाइनर देवेंद्र कुशवाहा ने एसडीएम सदर को भेंट किया।
चंबल फाउंडेशन के चंबल पर्यटन केंद्र में डर और दशहत का पर्याय रहे चंबल के बीहड़ों से जुड़ी तमाम जानकारियां चित्र प्रदर्शनी के द्वारा दी जा रही है। चंबल फाउंडेशन चंबल के बीहड़ों में पर्यटन की खिड़की खोल रहा है। जिस पर लोगों की अब भी नजर नहीं पड़ी है। चंबल अब विश्व के साथ कदमताल करना चाहता है, जिसमें चंबल फाउंडेशन एक सेतु के रूप में विभिन्न सरोकारी और साकारात्मक कार्यक्रमों
चंबल पर्यटन कैम्प में विभिन्न मानचित्रों, तस्वीरों, जड़ी-बूटियों, दस्तावेजों आदि के मार्फत जानकारी दी जा रही है।
प्रदर्शनी में तीन प्रदेशों की झलक
चंबल रीजन के तीन प्रदेशों के 7 जनपदों इटावा, औरैया, जालौन, बाह (आगरा) भिंड, मुरैना और धौलपुर का पर्यटन मानचित्र भी लगाया गया है, जिसमें सामाजिक-सांस्कृतिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों पर फोकस के साथ स्थानीय खान-पान की भी जानकारी दी जा रही है।
इटावा महोत्सव में जनपद को पर्यटन मानचित्र पर खास तौर से केन्द्रित किया गया है। जिसमें लायन सफारी, सुमेर सिंह का किला, टैक्सी टेंपल, बाईस ख्वाजा, काली वाहन मंदिर, चंबल संग्रहालय, सहसो-डाल्फिन सेंटर, यमुनापारी बकरी केन्द्र, परमिट लाईन, सैफई, भरेह का किला, कालेश्वर मंदिर, पचनद, पाडरी बाबा मंदिर, सरसई नावर वर्ड वेटलैंड, हजारी महादेव मंदिर, शहीद स्मारक नग्ला ढकाऊ, इटावा बुनकर उद्योग, भदावरी भैंस शोध केन्द्र, चंबल वैली वर्ड वाचिंग एंड क्रोकोडाइल रिसर्च सेंटर, एकलव्य शूटिंग एकेडमी, इस्लामिया इंटर कालेज, कालका मंदिर लखना, चुगलखोर की मजार, बिलैय्या मठ, सिंडौस, ह्यूम कालेज-सनातन धर्म इंटर कालेज, कटा हुआ बीहड़ी गांव-गुढ़ा और पूछरी, एशिया का पहला ब्लाक-महेवा, ब्रहमाणी मंदिर, भारेश्वर मंदिर, गुलाब की गढ़िया, पक्का तालाब-विक्टोरिया मेमोरियल, जयगुरूदेव जन्मस्थान मंदिर खितौरा आदि प्रमुख हैं।
चंबल फाउंडेशन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में चंबल घाटी की बेहतरी के लिए हमख्याल मित्रों के जनसहयोग से विविध कार्यक्रम-प्रशिक्षण आयोजित करता रहता है जिसमें चंबल हेरिटेज वाक, चंबल मैराथन, चंबल यूथ फेस्टिवल, चंबल लिटरेरी फेस्टिवल, चंबल जनसंसद, चंबल दीप पर्व, चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, सुनील जाना स्कूल ऑफ फोटोग्राफी, अवाम का सिनेमा, चंबल संग्रहालय, चंबल बर्ड वाचिंग एंड क्रोकोडाइल रिसर्च सेंटर, चंबल कैपिंग, एडवेंचर्स स्पोटर्स, राफ्टिंग एंड हाइकिंग आदि प्रमुख हैं।
चंबल फाउंडेशन इटावा जनपद के उदी के पास बीहड़ों में सरकारी अनुमति के बाद कैंपिंग, कैम्प फायर, हाईकिंग एंड वोटिंग के इलावा रम्पुरा में ऊंट फेस्टिवल की योजना बना रहा है। जिससे बीहड़ देशी-विदेशी सैलानियों से गुलजार हो और स्थानिय लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकें।
चंबल फाउंडेशन चंबल मेनीफेस्टो को लागू कराने की मुहिम के साथ 964 किमी की पदयात्रा कर चंबल नदी के विविध पहलुओं का अध्ययन करने जा रहा है।
इटावा महोत्सव के नुमाइश ग्राउंड पर विकास प्रदर्शनी के ‘चंबल पर्यटन’ पर 31 जनवरी से लोग पहुंच कर तमाम नई जानकारियों से लैस हो रहे हैं। चंबल फाउंडेशन से जुड़े नीरज कुमार और सूर्यांश दिन में 3 बजे से रात्रि 10 बजे तक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वही इसके अलावा चंबल घाटी के बड़े बुजुर्ग और जानकार चंबल पर्यटन की पहल का स्वागत करते हुए अपना समय देने की सहमति दे चुके हैं।