नई दिल्ली, 02 जुलाई 2019. भारत में कैंसर जैसी घातक बीमारी (Fatal illnesses like cancer in India) के कारण महिलाओं का जीवन बद से बद्दतर होता जा रहा है। महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में होने वाले 5 तरह के कैंसरों (Cancer in women's reproductive system) को गायनेकोलॉजिकल कैंसर (Gynecological cancers) के नाम से जाना जाता है, जिसमें ओवरियन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, गर्भाशय कैंसर, योनि कैंसर और वल्वर कैंसर (Ovarian cancer, cervical cancer, uterine cancer, cough cancer and vulver cancer) शामिल हैं।
डॉ. कपिल कुमार ने बताया कि महिलाओं में ओवेरियनसबसे घातक स्त्री संबंधी रोग (Fatal Female Diseases) माना जाता है। इस कैंसर से किसी की जान बचा पाना अत्यंत मुश्किल होता है। स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है। महिलाओं में होने वाले हर तरह के कैंसर में चुनौतियों, लंबे समय तक चलने वाले उपचार और उपचार के अधिक खर्च से बचने के लिए समय से बीमारी का पता चलना जरूरी है।
डॉ. कपिल कुमार ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि,
“ फेफड़े, स्तन, कोलोन और अग्न्याशय के बाद अंडाशय का यानी ओवेरियनमहिलाओं में होने वाला पांचवां सबसे घातक कैंसर है। 75 फीसदी मरीजों में इस बीमारी का पता तीसरे या चौथे स्तर पर चलता है। ऐसे में यह सलाह दी
ओवेरियन कैंसर तब होता है जब महिला की दोनों ओवरीज में सेल्स बहुत तेजी से बढ़ने लगती हैं, जिससे स्वस्थ ऊतक क्षतिग्रस्त (Healthy Tissue Damage) हो जाते हैं। इससे जुड़े जोखिमों के प्रमुख कारणों में बढ़ती उम्र, प्रजनन क्षमता की कमी, ओवेरियनका पारिवारिक इतिहास, स्तन कैंसर का व्यक्तिगत इतिहास, 30 से अधिक बीएमआई, मासिकधर्म की जल्दी शुरूआत और देर से मेनोपॉस आदि शामिल हैं।
सर्वाइकल कैंसर क्या है | What is cervical cancer?
सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स से उभरने वाला कैंसर है। यह कैंसर ऐसी कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि की वजह से होता है जो शरीर के अन्य हिस्सो में पहुंच सकती हैं। शुरुआत में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Symptoms of Cervical Cancer) दिखायी नहीं देता है, इसलिए अक्सर सर्वाइकल कैंसर की पहचान (Cervical Cancer Identification) करने में देर हो जाती है, जिसके बाद इलाज करने में समस्याएं आती हैं।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण योनि से असामान्य रक्तस्राव, मेनरेजी (असामान्य रूप से अधिक या लंबे समय तक चलने वाला मासिक धर्म), पोस्ट-कोइटल (यौन संबंध बनाने के बाद) रक्तस्राव, मासिक धर्म के दौरान रक्त स्राव, मासिक धर्म के बाद रक्त स्राव, योनि से बदबूदार स्राव, वजन कम होना आदि हैं।
उमेश कुमार सिंह