नई दिल्ली, 24 दिसंबर । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi, former Congress president and MP from Wayanad, Kerala) ने आज तीन कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।
श्री गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर हजारों किसान लगभग एक महीने से आंदोलनरत हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही है।
"इन किसानों को असामाजिक, कट्टर वामपंथ और यहां तक कि खालिस्तान फ्रंट जैसे आतंकवादी आंदोलनों से जोड़ना कोई नई बात नहीं है।"
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले को हमेशा 'आतंकवादी' और 'राष्ट्रविरोधी' करार दिया जाता है।
उन्होंने कहा,
"हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें बताया कि ये कृषि कानून किसान विरोधी हैं। देश ने देखा है कि किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़े हो गए हैं और वे नरम नहीं पड़ेंगे।"
उन्होंने सरकार से कहा,
"कोई गलती न करें, ये किसान तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती।"
उन्होंने कहा,
"हम अपने किसान भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं। हम
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वह दो करोड़ हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति से मिले।
श्री गांधी ने कहा,
"हमने किसानों की आवाज सुनी है। यह सर्दियों का मौसम है और पूरा देश देख रहा है कि किसान दर्द में है, उनमें से कई मर रहे हैं और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को उनकी बात सुननी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "यदि तीन कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता है तो केवल भाजपा या आरएसएस नहीं है, बल्कि पूरा देश इसके लिए भुगतान करेगा। किसान, मजदूर इस देश की रीढ़ हैं। उनकी आजीविका लूटकर यह सरकार पूरे देश को नुकसान पहुंचा रही है।"
उन्होंने कहा, "मोदी और भाजपा की केवल एक महत्वाकांक्षा है और यह कुछ ऐसा है जिसे किसानों और मजदूरों ने समझ लिया है। मोदी तीन से चार पूंजीवादी दोस्तों के लिए काम कर रहे हैं।"
भाजपा के कई नेताओं ने आंदोलनकारी किसानों को राष्ट्र-विरोधी कहा है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,
"जब किसान उनके खिलाफ खड़े होते हैं तो वे उन्हें आतंकवादी कहते हैं, जब मजदूर उनके खिलाफ खड़े होते हैं, तो वे उन्हें आतंकवादी कहते हैं। जो भी मोदी के खिलाफ खड़ा होता है उसे आतंकवादी कहा जाता है। जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है उसे राष्ट्रविरोधी बताया जाता है।"