अभी लॉक डाउन लम्बा चलेगा।
घरों में बन्द आप नोबेल विजेता लेखिका पर्ल बक की चीन की भुखमरी और क्रांति पर केंद्रित क्लासिक उपन्यास गुड अर्थ (The refugee story by Pearl S Buck in Hindi) जरूर पढ़ लें।
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राजनीतिक आंदोलन के अलावा आदिवासी और किसान आंदोलन, मजदूर आंदोलन और सामाजिक सांस्कृतिक आंदोलन को अगर आजादी की लड़ाई के साथ जोड़कर देखें तो यह कहना अतिश्योक्ति न होगा कि दूसरे विश्वयुद्ध से ब्रिटिश साम्राज्यवाद के पतन के साथ बंगाल की भुखमरी की कोख से जन्मी थी भारत की स्वतंत्रता।
भुखमरी इतिहास बदल देती है।
किसानों और मजदूरों और आम जनता के बेबस कैद चेहरे पर लिखा जा रहा है नया इतिहास।
भारत अमेरिका नहीं बनेगा।
भारत किसी कीमत पर अमेरिका नहीं बन सकता।
अमेरिका से सावधान।
जय भीम कामरेड।
पलाश विश्वास
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Notes - The Good Earth is a novel by Pearl S. Buck published in 1931 that dramatizes family life in a Chinese village in the early 20th century. It is the first book in a trilogy with Sons (1932) and A House Divided (1935).
(Source - wikipedia )
Pearl Sydenstricker Buck (June 26, 1892 – March 6, 1973; also known by her Chinese name Sai Zhenzhu; Chinese: 赛珍珠) was an American writer and novelist. As the daughter of missionaries, Buck spent most of her life before 1934 in Zhenjiang, China. Her novel The Good Earth was the best-selling fiction book
(Source - wikipedia )