फिदेल कास्त्रो को स्पष्टवादिता का संस्कार क्रांति से मिला। क्रांतिकारी होने के नाते वे हर बात को स्पष्ट ढंग से कहते थे। फिदेल का मानना था ´क्रांतिकारी राजनीतिज्ञ हर चीज के बारे में स्पष्ट और बेबाक बोलते हैं।´ यही स्पष्टवादिता क्रांतिकारियों को अभिव्यक्ति के मामले में अन्य विचारधारा के नेताओ से अलग करती है। मार्क्सवादियों में धर्मसंबंधी निजी सवालों के उत्तर देते समय अनेक किस्म के विभ्रम नजर आते हैं। लेकिन फिदेल के अंदर कोई विभ्रम नजर नहीं आते।
जब एफ.बिट्टो ने फिदेल से सवाल पूछा कि आपका जन्म धार्मिक परिवार में हुआ है ॽ तो फिदेल ने कहा इस सवाल का मैं किस तरह जवाब दूँ ॽ मैं इस सवाल का इस तरह उत्तर देना चाहूँगा, पहली बात यह कि मैं एक धार्मिक राष्ट्र से आता हूँ, दूसरी बात यह कि मैं एक धार्मिक परिवार में जन्मा, मेरी माँ लीना धार्मिक महिला थीं। मेरे पिता भी धार्मिक व्यक्ति थे। गांव में मेरा जन्म हुआ और मेरी माँ भी गांव की ही रहने वाली थीं। वह क्यूबा की रहने वाली थी। जबकि पिता गलीशिया, स्पेन के अत्यंत गरीब किसान थे।
फिदेल की माँ को किसी ईसाई मिशनरी ने धर्म की शिक्षा नहीं दी थी, वह एकदम अनपढ़ थीं। लेकिन उनकी गहरी धार्मिक आस्थाएं थीं। उन्होंने वयस्क होने के बाद अपने आप लिखना-पढ़ना सीखा।
फिदेल के पिता का नाम एंजेल था। फिदेल ने कहा ´मेरी माँ एकदम निरक्षर थीं, उसने अपने आप लिखना-पढ़ना सीखा। मुझे याद नहीं है कि उसको लिखना-पढना सिखाने के लिए कोई शिक्षक मिला था, क्योंकि उसने किसी भी शिक्षक का कभी कोई जिक्र नहीं किया। उसने बहुत परिश्रम करके लिखना-पढ़ना सीखा। मैंने कभी नहीं सुना कि वह कभी पढ़ने के लिए स्कूल गयी, वह स्व-शिक्षित थी, उसने कभी किसी स्कूल और चर्च में जाकर कोई शिक्षा ग्रहण नहीं की। मेरा मानना है उसके धार्मिक विश्वासों का स्रोत उसके परिवार की धार्मिक परंपराएं थीं। खासकर उसकी माँ (फिदेल की नानी) और माँ की माँ बड़ी धार्मिक थीं।´
बिट्टो ने फिदेल से पूछा कि क्या आपकी माँ नियमित चर्च जाती थीं तो फिदेल ने कहा ´वे नियमित चर्च नहीं जाती थीं, क्योंकि मेरा जहाँ जन्म हुआ था वह इलाका शहर से बहुत दूर गांव में पड़ता था, वहां कोई चर्च नहीं था।´
फिदेल कास्त्रो का जन्म कहां हुआ
फिदेल का जहां जन्म हुआ उस गांव का नाम था बीरान, इस गांव में कुछ बड़ी इमारतें थी,कुछ रिहायशी घर थे, इन सबका स्पेनिश स्थापत्य था.चूंकि फिदेल के पिता स्पेनिश थे, अतः घर का स्थापत्य स्पेनिश था। उनके पास गांव में एक टुकड़ा जमीन का प्लॉट था, जिसमें खेती होती थी और लकड़ी का घर भी था,साथ ही पशुपालन भी करते थे। जाड़ों में पशुओं को घर के अंदर रखना होता था। घर में सूअर और गाएं थीं जिनका परिवार पालन-पोषण करता था।
दिलचस्प बात है फिदेल कास्त्रो के यहां तकरीबन बीस-तीस गाएं भी थीं, वे जब छह साल की उम्र के थे तो जाड़ों में घर में गायों के साथ सोते थे। फिदेल का बचपन का यह दौर गाय के गोबर और दूध के बीच गुजरा।
फिदेल की माँ की मृत्यु 6अगस्त1963 को हुई, यानी क्यूबा की क्रांति के छह महिने बाद। जबकि पिता की मृत्यु पहले ही 21अक्टूबर1956 को हो चुकी थी। उस समय फिदेल 30साल और दो महीने के थे।
फिदेल कास्त्रो की आत्मकथा
फिदेल ने अपनी आत्मकथा ´माई लाइफः फिदेल कास्त्रो´ (Fidel Castro's autobiography 'My Life: Fidel Castro') में लिखा है कि वे अपनी मां के धार्मिक विश्वासों और आस्थाओं का हमेशा सम्मान करते थे। उनको एक क्रांतिकारी की माँ होने के नाते बहुत कष्ट उठाने पड़े। वे अत्यंत गरीब और सहिष्णु थीं।
जगदीश्वर चतुर्वेदी