नई दिल्ली, 6 मई 2020. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष- United Nations Children's Fund (यूनीसेफ) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में संघर्ष व हिंसा के परिणामस्वरुप अनुमानित 1.9 करोड़ बच्चे अपने ही देशों में विस्थापित रह रहे हैं। यह संख्या पहले से कहीं अधिक है। इनमें से कुछ तो सालों से इसी अवस्था में अपनी जिंदगी बिता रहे हैं।
साल 2019 के अंत तक लगभग 4.6 करोड़ लोग संघर्ष व हिंसा के चलते अपने ही देशों में विस्थापित होकर रह गए।
लॉस्ट एट होम ‘Lost at Home’ नामक एक रिपोर्ट को मंगलवार जारी किया गया, जिसके अनुसार, इनमें से दस में से सर्वाधिक चार या 1.9 करोड़ बच्चे ही थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से लाखों आपदाओं के चलते विस्थापित हुए। अपने घरों व समुदायों से मजबूरन बिछड़े इन बच्चों की स्थिति दुनिया में सबसे कमजोर है। वर्तमान समय में कोरोनावायरस महामारी के चलते इनकी जिंदगी और भी अधिक अनिश्चित व चुनौतीपूर्ण है।
"दुनिया भर में लाखों की संख्या में विस्थापित बच्चे पहले से ही उचित देखभाल व पोषण के बिना अपनी जिंदगी बिता रहे हैं। कोविड-19 जैसे किसी नए संकट के उभरने से ये बच्चे विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि सरकार और मानवीय संगठन उन्हें स्वस्थ व सुरक्षित रखने के लिए साथ में काम करें।"
When new crises emerge, like the #COVID19 pandemic, displaced children are especially vulnerable. It is essential that governments and humanitarian partners work together to keep them safe,
— Henrietta H. Fore (@unicefchief) May 5, 2020
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आंतरिक रूप से विस्थापित हुए इन बच्चों के पास बुनियादी सुविधाएं तक नहीं है। इन पर हिंसा, शोषण और तस्करी का खतरा भी कहीं अधिक है। यही नहीं इन पर बाल श्रम, बाल विवाह और पारिवारिक अलगाव का भी खतरा है, जो सीधे तौर पर इनके स्वास्थ्य और सुरक्षा को चुनौती दे रही है।
कोविड-19 महामारी के चलते विस्थापित बच्चों और परिवारों की स्थिति और भी अधिक सोचनीय है। ये अक्सर अधिक भीड़भाड़ वाले शिविरों या अनौपचारिक बस्तियों में रहते हैं, जहां साफ-सफाई का पर्याप्त ध्यान नहीं रखा जाता है और स्वास्थ्य सेवाएं भी सीमित हैं। इन जगहों में सोशल डिस्टेंसिंग करना लोगों के लिए संभव नहीं है। ऐसे में कोविड-19 जैसी किसी महामारी या बीमारी के फैलने का खतरा यहां काफी ज्यादा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019 में 1.2 करोड़ नए बच्चे विस्थापित हुए हैं, जिनमें से 38 लाख संघर्ष और हिंसा के चलते विस्थापित हुए और 82 लाख आपदाओं के चलते इस स्थिति का शिकार हुए हैं। इनमें भी अधिकतर बाढ़ और आंधी तूफान जैसी मौसम से जुड़ी घटनाओं से विस्थापित हुए हैं।
यूनीसेफ की तरफ से इन्हीं बच्चों की मदद करने के लिए सरकार, नागरिक संगठन, निजी संगठन, मानवीय संगठनों को एकजुट होकर प्रयास करने की अपील की गई है।
यूनीसेफ ने सरकारों से भी ठोस कार्रवाई करने और निवेश करने का अनुरोध किया है, ताकि आंतरिक रूप से विस्थापित इन बच्चों और उनके परिवारों की मदद की जा सके।
In 2019, an estimated 19m children - more than ever before - were living in displacement within their own countries due to conflict and violence.
We need to improve data quality, availability and analysis to be able to protect them. #AChildIsAChild pic.twitter.com/l48oFyeNIx
— UNICEF (@UNICEF) May 5, 2020
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