हैदराबाद/ नई दिल्ली, 12 मई 2021. कोरोना महामारी (Corona epidemic) ने न केवल करोड़ों लोगों के जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है, बल्कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा मशीनरी को भारी दबाव में डाल दिया है। डॉक्टरों से लेकर नर्सों और स्टाफ तक हजारों हेल्थकेयर वर्कर इस जानलेवा वायरस से जूझ रहे हैं, जिसकी दूसरी लहर (Second wave of corona) कहर बरपा रही है।
दुनिया भर में कोविड के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व केवल डॉक्टर ही नहीं बल्कि नर्स भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फोलेरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस (Birthday of Folerance Nightingale,) को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस– International Nurses Day (12 मई) के रूप में मनाया जाता है.
नर्स संगठनों को नीति निर्माण में चिकित्सकों के संगठनों जैसे, बराबरी से सम्मानजनक स्थान मिलना चाहिए. देश में नीति तो है कि हर 6 रोगी पर 1 नर्स हो पर हकीकत यह है कि 60-70 रोगियों पर एक नर्स है.
कोरोना वायरस रोग (कोविड-19) के दौरान नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने जो हिंसा, शोषण और भेदभाव झेला उसके कारण, भारत सरकार ने विशेष अध्यादेश के ज़रिये, स्वास्थ्यकर्मी पर हिंसा करने को कानूनन जुर्म घोषित किया है.
विश्व नर्स दिवस इस बार भारत में चल रही कोरोना की दूसरी लहर के बीच मनाया जा रहा है और
अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day in Hindi) पर हेल्थकेयर विशेषज्ञों ने स्कूलों में नर्सिंग प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए 'स्वस्थ भारत' बनाने का आवाहन किया है।
एसएलजी अस्पताल के कार्यकारी निदेशक सोमा राजू ने कहा,
''हीलिंग रोगी के लिए समय की बात है, लेकिन यह एक स्वास्थ्य सुविधा पर काम करने वालों के लिए जरूरतमंदों की सेवा करने का एक अवसर है। डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ निस्वार्थ सेवा प्रदान करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीज अपने सामान्य जीवन में वापस जाएं और पुनर्मिलन हो। कई मरीजों को नर्सों के नाम भी याद नहीं रहते हैं, जिन्होंने उन्हें संकट में सेवा दी थी, लेकिन इन नर्सों के लिए हर मरीज एक जैसा है और वे चाहती है कि उनमें से हर कोई अपने प्रियजनों के पास लौट जाए।''
डॉ मेरविन लियो, कलस्टर सीओओ, ग्लेनैगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल्स ने कहा
''भारत को अधिक नर्सों की आवश्यकता है। भारत को और अधिक नर्सिंग ज्ञान की आवश्यकता है। और बदलती और बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए भारत को एक अलग ²ष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। मुझे लगता है, भारत को हाई स्कूल स्तर पर शिक्षा पाठ्यक्रम में 'नर्सिंग' या बुनियादी स्वास्थ्य सेवा लाने की जरूरत है। यह न केवल बड़े पैमाने पर लोगों में जागरूकता को सुनिश्चित करेगा बल्कि भारत में हेल्थकेयर मशीनरी के लिए एक सशक्त वातावरण बनाने में मदद करेगा।''
वॉकहार्ट अस्पताल, नागपुर के केंद्र प्रमुख अभिनंदन दस्तनवर ने कहा, कोविड-19 महामारी मौजूदा प्रणालियों को देखने और भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार रहने के लिए भारतीय स्वास्थ्य सेवा के लिए एक जागृत कॉल है।