नई दिल्ली, 21 दिसंबर 2019. पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए मुसलमानों को भारतीय नागरिकता लेने का जो नुस्खा जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने सुझाया है उससे मोदी-शाह का सीएए संकट में पड सकता है।
सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने अपने सत्यापित ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया है
“#CAA खत्म करने के लिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमानों के लिए एक आईडिया:
हिंदू धर्म / सिख धर्म / बौद्ध धर्म / जैन धर्म / ईसाई धर्म / पारसी धर्म में परिवर्तित हो और भारतीय नागरिकता प्राप्त करें।
फिर एक या दो साल के बाद में फिर से इस्लाम ग्रहण करें। धर्मांतरण / पुनर्धर्मांतरण के लिए कोई कानूनी रोक नहीं है”
इसी थ्रेड में उन्होंने आगे लिखा,
“आप अपनी जाति नहीं बदल सकते, लेकिन आप अपना धर्म बदल सकते हैं।
हरि ओम”
हालांकि जस्टिस काटजू ने यह टिप्पणी हल्के मूड में की है, लेकिन उनकी टिप्पणी सीएए के प्रवर्तक मोदी-शाह का मूड खराब करने के लिए पर्याप्त है।
कौन हैं मार्कंडेय काटजू?
अपने ऐतिहासिक फैसलों के लिए प्रसिद्ध रहे जस्टिस मार्कंडेय काटजू 2011 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए उसके बाद वह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन रहे। आजकल वह अमेरिका प्रवास पर कैलीफोर्निया में समय व्यतीत कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय हैं और भारत की समस्याओं पर खुलकर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।
You can’t change your caste, but you can change your religion.
Hari Om— Markandey Katju (@mkatju) December 21, 2019