नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2020. काम के घंटे 12 किए जाने की अफवाहों पर मजदूर संगठनों ने श्रम मंत्री को एक ज्ञापन भेजा है।
ज्ञापन का मजमून निम्नवत् है -
सेव में,
केंद्रीय श्रम मंत्री,
भारत सरकार,
नई दिल्ली
विषय: - सरकार द्वारा 12 घंटा कार्य दिवस बनाने का प्रस्ताव के संबंध में
हिंदुस्तान टाइम्स में आज एक समाचार आइटम आया, जिसमें कहा गया कि भारत सरकार फैक्ट्रीज़ अधिनियम, 1948 में बदलाव पर विचार कर रही है, जिनसे मौजूदा 8 घंटे के कार्य दिवस को 12 घंटे में बदल जायेगें । इसका मतलब है कि सामान्य कार्य-दिवस 48 घंटे प्रति सप्ताह सप्ताह से बढ़कर 72 घंटे तक हो जायेगा। यह भी समझा जा रहा है कि चूंकि कोरोना वायरस के इन दिनों में छंटनी के परिणामस्वरूप काम करने के लिए कम हाथ होंगे, इसलिए काम के घंटों में प्रस्तावित परिवर्तन आवश्यक हो गया है। बयान में आगे यह स्पष्ट किया गया है कि चूंकि देश में असाधारण स्थिति है, इसलिए असाधारण प्रावधान करने पड़ेंगे।
हम विभिन्न ट्रेड यूनियन संगठनों के अधोहस्ताक्षरी प्रतिनिधियों ने काम के घंटों को आठ से बढ़ाकर बारह करने के इस कदम का कड़ा विरोध करते हैं क्योंकि इससे श्रमिकों पर और बोझ पड़ेगा। देश में कोरोना वायरस के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए, यह सरकार के ऊपर है कि वह ऐसे उपाय करे जो रोज़गार की रक्षा करे और रोज़गार सृजन करे न कि कामगारों में कटौती करे। एक ओर छंटनी का सहारा लेना और दूसरी ओर उत्पादन बढ़ाने के लिए अनुमति देना समय की मांग नहीं है और स्वीकार्य नहीं हैं। यह सच है कि देश में और दुनिया में भी असाधारण स्थितियाँ हैं, लेकिन सरकार द्वारा सोचे जा रहे उपाय तमाम मेहनकशों के हितों के विरुद्ध है तथा प्रबंधन के हितों की सेवा करता है।
इसलिए, हम आपसे काम के घंटे
धन्यवाद सहित
गौतम मोदी विजय कुमार सुदीप्ता पाल बी॰प्रदीप
महा सचिव महा सचिव सलहाकार महा सचिव
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एस॰वेंकेटेश्वर राव कन्हाई बरन्वाल कैलाश सोमनाथ
अध्यक्ष महासचिव अध्यक्ष सचिव
IFTU IFTU(Sarvhaara) IMK JSM
थंगराज संजय सिंघवी
महासचिव महासचिव
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