वर्धा, 06 अक्तूबर, 2019. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉब लिंचिंग के खिलाफ पत्र लिखने के कारण देशद्रोह का मुकदमा दर्ज (Treason case filed for writing letter against mob lynching to Prime Minister Narendra Modi) किए जाने के खिलाफ महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के समस्त न्याय व लोकतंत्र पसंद छात्र-छात्राएं प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। उक्त आशय की अपील जारी करते हुए विश्वविद्यालय के छात्र चन्दन सरोज ने सूचना दी है कि लोकतंत्र का गला घोंटने के खिलाफ प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाएगा। 9 अक्टूबर को दर्जनों छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय परिसर में एकत्र होंगे और मॉब लिंचिंग, एनआरसी व कश्मीर के सवाल पर पत्र लिखेंगे।
न्यायपालिका के मनुवादीकरण का खुला संकेत Open signal of Manuvidisation of Judiciary
चंदन सरोज ने बताया है कि मॉब लिंचिंग पर रोक लगाने के आशय का पत्र प्रधानमंत्री को लिखने के कारण एक अदालत ने देशभर के लगभग चार दर्जन विख्यात लेखकों, बुद्धिजीवियों, समाजकर्मियों व फिल्मी हस्तियों पर देशद्रोह की धारा लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है। यह कोई सामान्य घटना नहीं है। यह जनता के न्यूनतम लोकतांत्रिक अधिकारों पर गंभीर चोट है और न्यायपालिका के मनुवादीकरण का खुला संकेत है।
उन्होंने कहा कि यह इस बात का भी खुला संकेत है कि अदालतें अब संवैधानिक वसूलों के बजाय अलोकतांत्रिक चीजों को खुलेआम बढ़ावा देंगी। मॉब लिंचिंग, बलात्कार व न्याय का खुला उल्लंघन करने वाली घटनाओं पर अदालतें संज्ञान लेने व पीड़ितों के इंसाफ की गारंटी करने के बजाय लोकतंत्र व न्याय की आवाज बुलंद करने वाली आवाजों का ही गला घोंटने की मोदी सरकार की फासीवादी साजिश में सहभागी बन रही हैं।
असल में सरकार ही कर रही है देशद्रोह
श्री सरोज ने कहा कि सत्ता ने अंध राष्ट्रवाद, हिन्दू राष्ट्र और देशभक्ति का उन्माद खड़ा कर एक सम्प्रदाय विशेष के खिलाफ नफरत की आग में पूरे देश को झोंक दिया है। सत्ता एक तरफ झूठी
उन्होंने कहा कि असल में सरकार ही देशद्रोह कर रही है। सत्ता और भगवा संगठन जिन्हें देशद्रोही करार दे रहे हैं, वे ही सही मायने में देश हित की बात कर रहे हैं। किंतु वास्तविक देश हितैषियों का तरह-तरह से दमन जारी है। इसके घातक परिणाम सामने आ रहे हैं। सत्ता इन कुकर्मों के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को देशद्रोह से जोड़कर संदिग्ध बनाने का षड्यंत्र रच रही है।
श्री सरोज ने कहा कि इसे चुपचाप बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए! ऐसी घटनाओं पर आपकी चुप्पी बचे-खुचे लोकतंत्र के खात्मे और अन्याय का साम्राज्य स्थापित करने का ही रास्ता साफ करेंगी।
इस लोकतंत्र व न्याय विरोधी कदम के ख़िलाफ़ उठ खड़े होने की अपील करते हुए हिंदी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपील जारी करते हुए कहा है कि किसी भी लोकतंत्र में आम जनता को देश के प्रधानमंत्री को अपनी भावनाओं से अवगत कराने और इंसाफ की मांग करने का न्यूनतम लोकतांत्रिक हक है। इसी के तहत प्रधानमंत्री को पत्र लिखने हेतु महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र के गांधी हिल पर जुटें!
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