भोपाल, 26 अप्रैल, 2020. ठीक उस समय जब प्रधानमंत्री मन की बैत कर रहे ते, उसी समय वरिष्ठ पत्रकार एल एस हरदेनिया ने वक्तव्य जारी कर प्रधानमंत्री से मांग की कि वे मीडिया घरानों से अपने कहे का पालन कराएं और विपत्तिकाल में पत्रकारों को मुसीबत में न डालें।
श्री हरदेनिया ने कहा कि “इसमें कोई संदेह नहीं कि इस समय मीडिया गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। मीडिया की आर्थिक व्यवस्था मुख्यतः विज्ञापन पर निर्भर करती है। चूँकि इस समय विज्ञापन नहीं मिल रहे हैं इसलिए मीडिया पर संकट आ गया है।
परंतु मीडिया एवं अन्य व्यवसायों की स्थिति में अंतर यह है कि जहां बाकी उद्योग-धंधे बंद हो गए हैं वहीं मीडिया चालू है।“
उन्होंने कहा कि इस समय चारों तरफ से खबरें आ रही हैं कि इस संकट का सर्वाधिक प्रभाव पत्रकारों पर पड़ रहा है। अनेक संस्थानों में पत्रकारों को नौकरी से निकाला जा रहा है, उनका वेतन कम किया जा रहा है या तबादले की धमकी देकर नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है।
इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन की ओर से एल. एस. हरदेनिया ने प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे यह सुनिश्चित करें कि मीडिया समूहों के संचालक उनकी इस अपील का शत-प्रतिशत पालन करें।
श्री हरदेनिया ने कहा कि कोरोना वायरस स्थायी विपत्ति नहीं है। इसलिए मीडिया समूहों के संचालकों से अपील है कि वे इस विपत्तिकाल में पत्रकारों को मुसीबत में न डालें।
उन्होंने कहा कि,
“मेरी सरकार से प्रार्थना है कि जो पत्रकार फील्ड डयूटी कर रहे हैं उन्हें भी वे सारी सुविधाएं उपलब्ध कराए जो पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही हैं। ऐसे पत्रकारों को 50
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