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मेरठ के लोगों को अत्याधुनिक कार्डियक सर्जरी के द्वारा मैक्स हॉस्पिटल ने दी नयी जिंदगी

मेरठ 30 अगस्त, 2018: देश मे हार्ट अटैक के रोगियों की संख्या मे प्रतिदिन बहुत तेजी से इजाफा हो रहा है चाहे वो शहर हो या गाँव । उत्तर प्रदेश का मेरठ शहर भी इससे अछूता नहीं है, यहाँ के युवा से लेकर वृद्ध भी इस बीमारी से ग्रसित होते जा रहे है और आये दिन कई मरीज यहाँ से दिल्ली इलाज कराने जाते हैं और ऐसे ही कई मरीजों का इलाज मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज के द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। लोगों के बीच बढ़ रही हार्ट से संबंधित समस्याओं को लेकर मैक्स हॉस्पिटल, पटपड़गंज मेरठ शहर में कई तरह के जागरुकता कैंप के साथ-साथ अन्य गतिविधियां भी करते हैं और लोगों को इन बीमारियों से बचने का उपाय भी सुझाते हैं ।

मेरठ के लोगों को इस बीमारी के बारे मे सचेत करने, जागरूक करने और ह्रदय से सम्बंधित बीमारियों के अत्याधुनिक इलाज के बारे मे बताने के लिए मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज द्वारा शहर के धन्वंतरि जीवन रेखा हॉस्पिटल, साकेत मे एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसको श्री नीरज मिश्रा (मैक्स हैल्थकेयर, जोन 2 के डायरेक्टर), ह्रदय रोगों के विशेषज्ञ डॉ ऋत्विक राज भुयान (सीटीवीएस, इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्डियक साइंसेज के प्रिंसिपल कंसलटेंट एंवम इंचार्ज) और डॉ. ममतेश ने सम्बोधित किया ।

इस अवसर पर अपने अनुभवों को व्यक्त करते हुए मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज के डॉ ऋत्विक कहते हैं, कि “आजकल युवा वर्ग में ह्रदय सम्बंधी रोगों की संभावनाएं बढ़ती ही जा रही हैं और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के ही लिए जोखिम भरा विषय है। भारतीय युवा अपनी खराब जीवनशैली के कारण कोरोनरी आर्टरी के रोग से पीड़ित हैं। व्यस्त जीवनशैली के कारण युवा शारीरिक गतिविधियों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते जिसके चलते कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, टाइप2 डायबिटीज और मोटापे जैसे रोगों का

खतरा दुगना हो जाता है और यह उच्च रक्त चाप, लिपिड लेवल्स में असंतुलन और घबराहट जैसे जोखिमों को भी बढ़ा देता है, जो की सीधे दिल की बीमारी से जुड़े हुए हैं। मेरठ में हमने ऐसी भयानक बीमारी के बहुत व्यापक स्पेक्ट्रम देखे हैं, जिसके लिए अंततः बाईपास सर्जरी या एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता होती है ताकि मरीज को बीमारी के लक्षणों से बचाया जा सके''।

नीरज मिश्रा, मैक्स हैल्थकेयर, जोन 2 के डायरेक्टर ने बताया कि "दुनिया भर में सबसे ज्यादा मृत्यु हार्ट अटैक या हार्ट फेल होने की वजह से होती हैं। विश्व में लगभग 17 मिलियन लोगों की मृत्यु दिल की बीमारी से होती है। अध्ययन के अनुसार, भारत में 3 मिलियन लोगों की मृत्यु सीवीडी कार्डिओ-वैस्कुलर डिसीसेस से होती हैं, जिसमे हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक भी शामिल होते हैं। शहरी क्षेत्रों के लगभग 14 लाख और ग्रामीण क्षेत्रों के 16 लाख लोग इससे प्रभावित हैं। एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाते हुए नियमित जांच और रखरखाव से इस जानलेवा बीमारी को रोका जा सकता है। दवाइयों के जरिए हृदय रोग की समस्याओं को जड़ से खत्म किया जा सकता है और एक कीमती जान बच सकती है।"

मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में मेरठ क्षेत्र के कई मरीजों की सफलतापूर्वक कार्डियक सर्जेरी की है, जिनमे से 31 वर्षीय मोहित यहां पर उपस्थित हैं। मोहित 31 जनवरी 2018 को छाती में दर्द और तीव्र अस्थिरता की समस्या के चलते हॉस्पिटल आये थे। प्राथमिक चिकित्सा के बाद हमें ज्ञात हुआ की उनकी तीनों आर्टरी ब्लॉक थी। डॉ. भुयान और उनकी टीम ने मरीज की ट्रिपल बाईपास सर्जरी की जो की 4 घंटे तक चली। मोहित को सर्जरी बस 10 दिनों तक हॉस्पिटल में देखभाल के लिए रखा गया और फिर डिस्चार्ज कर दिया गया। अब वह बिना किसी परेशानी के सामान्य जीवन जी रहे हैं। दिल की बीमारी किसी को भी कम उम्र में हो सकती है। बाईपास सर्जरी को कम उम्र में भी कराया जा सकता है, इससे व्यक्ति कि सामान्य जीवनशैली पर कोई असर नहीं पड़ता

मेरठ के धन्वंतरि जीवन रेखा हॉस्पिटल की कार्डियोलॉजी की डायरेक्टर एवं सीनियर इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. ममतेश बताती हैं, कि "भारत में हृदय से सम्बंधित रोगों की समस्याएं कम उम्र के युवाओं में भी बढ़ती जा रही हैं। खाने कि आदतें, शुद्ध हवा की कमी, तनाव, व्यायाम न करना और भोजन में ओमेगा -3 की कमी, मधुमेह और उच्च रक्तचाप इसके मुख्य कारणों में से एक हैं। दिल को तीन धमनियों से रक्त की आपूर्ति मिलती है। यदि इनमें से कोई भी अवरुद्ध हो जाती है, तो छाती के बीच में, जबड़े और दोनों हाथों में गंभीर दर्द होता है। इससे दिल का दौरा पड़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप बीपी, बेचैनी, पेट की खराबी और पसीना कम आने जैसे दिक्कते होने लगती है । यदि ये लक्षण हैं, तो रोगी को पास के अस्पताल जाना चाहिए और इसका तुरंत इलाज कराना चाहिए। हमें रोजाना नियमित रूप से योग, ध्यान, पैदल चलने की साथ साथ नियमित व्यायाम करना और ओमेगा -3 युक्त आहार का सेवन करना चाहिए जिससे कि दिल के दौरे से बचा जा सके ।"

(यह समस्त जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।)