लखनऊ, 13 जनवरी। सुप्रसिद्ध दलित चिंतक और उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिरीक्षक एस. आर. दारापुरी ने बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती पर हमला बोलते हुए सवाल किया है कि क्या मायावती बहुजन समाज और मुसलमानों से माफ़ी मांगेगी?
श्री दारापुरी ने 2002 के गुजरात जनसंहार के बाद मायावती का नरेंद्र मोदी और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ साझा चित्र अपनी एफबी टाइमलाइन पर पोस्ट करते हुए टिप्पणी की-
“क्या 2002 में गुजरात जा कर मोदी का चुनाव प्रचार करने और मोदी को 2000 मुसलमानों का नरसंहार कराने वाले मोदी को निर्दोष बताने वाली मायावती बहुजन समाज और मुसलमानों से माफ़ी मांगेगी?”
उन्होंने सवाल किया -
"भाजपा के साथ तीन बार गठजोड़ करने वाली मायावती चौथी बार नहीं करेगी, है कोई गारंटी?"
उन्होंने सवाल किया -
"क्या 2013 में संसद में पदोन्नति में आरक्षण बिल को फड़वाने वाले सपा के नेता मुलायम सिंह और अखिलेश दलितों से माफ़ी मांगेंगे?"
उन्होंने सवाल किया -
"क्या भाजपा से अपरोक्ष रूप से सहायता ले कर सरकार चलाने वाली समाजवादी पार्टी देश से माफ़ी मांगेगी?"
श्री दारापुरी ने सवाल किया -
"क्या भाजपा को नागनाथ कहने वाली मायावती उससे तीन बार गठजोड़ करने के लिए देश से माफी माँगेगी?"
कल अखिलेश यादव और मायावती की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में मायावती द्वारा मुलायम सिंह यादव के अनुज शिवपाल सिंह यादव को भाजपा की बी टीम कहने के
उधर शिवपाल सिंह यादव ने भी मायावती पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने वक्तव्य जारी कर कहा कि भाजपा की गोद में बैठ जाने वाले मुझ पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगा रहे हैं।
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का वोट लेकर भाजपा की गोद में बैठ जाने वाले मुझ पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगा रहे हैं। आम जनमानस और मीडिया को यह पता है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ मिलकर बार-बार किसने सरकार बनाई है, साथ ही उन्हें यह भी बताने की जरूरत नहीं है कि मेरा साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ पिछले चार दशकों का संघर्ष किसी भी संदेह से परे है।
उन्होंने कहा कि यह भी दुखद है कि आर्थिक भ्रष्टाचार में लिप्त और अपनी पार्टी का टिकट बेचने वाले मुझ पर भाजपा से आर्थिक सहयोग प्राप्त होने का आरोप लगा रहे हैं।
शिवपाल सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को समझना चाहिए कि इसके पूर्व भी मायावती पिछड़ो, दलितों और मुसलमानों का वोट लेकर भाजपा की गोद में बैठ चुकी हैं ऐसे में कहीं ऐसा न हो कि इतिहास फिर से स्वयं को दोहराए और मायावती चुनाव के बाद भाजपा से जा मिलें। उन्होंने कहा कि ये भी सबको पता है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन न कर बीजेपी को लाभ किसने पहुंचाया।
क्या यह ख़बर/ लेख आपको पसंद आया ? कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट भी करें और शेयर भी करें ताकि ज्यादा लोगों तक बात पहुंचे