नई दिल्ली, 20 मार्च 2020. अगर लोग अपने दैनिक जीवन में किसी भी हल्के तनाव की स्थिति से नहीं गुजरते हैं, तो यह हमेशा बेहतर स्थिति नहीं मानी जा सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि वह लोग जो कोई भी तनाव महसूस नहीं करते हैं, उनकी स्थिति हमेशा सुपर-चार्ज महसूस करने की भावना के प्रति नकारात्मक हो सकती है।
एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों ने किसी प्रकार के तनाव का अनुभव नहीं किया है, उनका दैनिक जीवन बेहतर गुजरता है और उन्हें पुरानी स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों से भी कम जूझना पड़ता है, मगर इसके साथ ही उन्हें चीजों का ज्ञान भी कम प्राप्त हो पाता है।
पेन स्टेट के शोधकर्ता डेविड एम. अल्मेदिया के अनुसार, अध्ययन से पता चलता है कि दैनिक तौर पर छोटे-छोटे तनाव असुविधा तो जरूर पैदा कर सकते हैं, मगर साथ ही साथ यह मस्तिष्क को लाभ भी पहुंचा सकते हैं।
डेविड के मुताबिक,
"यह संभव है कि तनाव का सामना करना आपके लिए एक समस्या को हल करने के अवसर पैदा करता है। उदाहरण के लिए, शायद आपके कंप्यूटर को ठीक करना, जो एक महत्वपूर्ण जूम मीटिंग से पहले अचानक टूट गया था।"
उन्होंने कहा,
"इसलिए इन तनावों का अनुभव करना
शोधकर्ताओं के अनुसार, पिछले अध्ययनों में बड़ी संख्या में तनाव को कई नकारात्मक परिणामों को लेकर अधिक जोखिम के साथ जोड़ा गया है, जैसे पुरानी बीमारी या फिर भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाना।
अध्ययन की शुरूआत से पहले प्रतिभागी एक छोटे से ज्ञान संबंधी परीक्षण से भी गुजरे।
अध्ययन के लिए प्रतिभागियों को लगातार आठ रातों तक प्रत्येक रात एक विशेष साक्षात्कार से गुजरना पड़ा, जिसमें उनकी मनोदशा, पुरानी स्थितियों, उनके शारीरिक लक्षणों - जैसे कि सिरदर्द, खांसी या गले में खराश के बारे में पूछा गया। इस बात पर भी गौर किया गया कि इस दौरान उन्होंने दिनभर क्या किया।
डेटा का विश्लेषण करने के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि उन लोगों को लिए लाभ हुआ है, जिन्हें अध्ययन के दौरान कोई तनाव नहीं था और इन प्रतिभागियों में से इनकी संख्या लगभग 10 प्रतिशत रही।
हालांकि, जिन लोगों में कोई तनाव नहीं देखा गया, वह अपने ज्ञान तथा विवेक का इस्तेमाल करते हुए बेहतर प्रदर्शन करने में भी तुलनात्मक रूप से कम सक्षम पाए गए।
यही वजह है कि इस शोध के बाद शोधकर्ताओं का कहना है कि दैनिक जीवन में कम तनाव हमारे मस्तिष्क के लिए कुछ फायदेमंद भी हो सकता है।