अभिजात्य निर्ममता से ग्रस्त हैं मोदी ! (Modi is suffering from arbitrary ruthlessness!) 'चमकी' से मर रहे बिहारी बच्चों के लिए नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की कोई संवेदना अभी तक सामने नहीं आई है। उनके बीते कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन गलत होने से मरी महिलाओं के प्रति भी वे उदासीन थे। पंजाब में आँखों के ऑपरेशन से अंधे हुए लोग (People blinded by eye operation in Punjab) भी उन्होंने अनदेखे किये। देश के तमाम हिस्सों में शेल्टर होम्स में अनाथ लड़कियों के बलात्कारों और हत्याओं पर भी वे मौन ही रहे।
ऐसे अनगिनत उदहारण दिए जा सकते हैं जब नरेंद्र मोदी ने बतौर पीएम आम लोगों के मरने खपने की उपेक्षा की। किन्तु वे सेलेब्रिटीज के मामले में तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। श्रीदेवी की मौत (Sridevi's death) हो या प्रियंका चोपड़ा की शादी (Priyanka Chopra's wedding), मोदी जी अपने कथित व्यस्त समय में से प्रतिक्रिया के लिए वक्त निकाल लेते हैं।
खिलाड़ियों, अभिनेताओं, विदेशी नेताओं और बड़े पूंजीपतियों की खुशियों और गम में वे तत्काल शामिल होते हैं। खुद उनके पहनावे-ओढ़ावे चाल-ढाल एवं तौर-तरीकों से अभिजात्य प्रेम फूटा पड़ता है। यही वह तत्व है जो आम नागरिकों के दुखों के प्रति मोदी की निर्ममता का स्रोत है। यह उनके व्यक्तित्व की जबरदस्त कुंठा की अभिव्यक्ति है जिसका नुकसान देश बहुत देर से समझेगा।
मधुवन दत्त चतुर्वेदी
(लेखक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं।)