Hastakshep.com-देश-Communal face of UP police-communal-face-of-up-police-Frustrated mentality-frustrated-mentality-Muslim families in Hindus' vehicle in Allahabad-muslim-families-in-hindus-vehicle-in-allahabad-Swaroop Rani Hospital-swaroop-rani-hospital-कुंठित मानसिकता-kuntthit-maansiktaa-यूपी पुलिस का सांप्रदायिक चेहरा-yuupii-pulis-kaa-saanprdaayik-cehraa-स्वरूप रानी अस्पताल-svruup-raanii-asptaal

गाड़ी हिंदू की और परिवार मुस्लिम, कैसे हो सकते हैं दोस्तहिंदू-मुस्लिम दोस्ती पर पुलिसिया हमले का विरोध, अवाम ने बचाई गंगा-जमुनी तहजीब

लखनऊ 5 मई 2019। इलाहाबाद में हिंदू की गाड़ी में मुस्लिम परिवार (Muslim families in Hindus' vehicle in Allahabad) के सफर करने पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर रिहाई मंच ने कहा कि योगी को पसंद नहीं कि हिंदू और मुसलमान में भाईचारा और दोस्ती हो। यह कुंठित मानसिकता (Frustrated mentality) की निशानी है। इस घटना ने यूपी पुलिस के सांप्रदायिक चेहरे (Communal face of UP police) को एक बार फिर उजागर किया जो यह मानने को तैयार नहीं कि हिंदू की गाड़ी में कोई मुस्लिम परिवार कैसे सफर कर सकता है। यह इसी मानसिकता का विस्तार है कि हिंदू घर में अमूमन मुस्लिम किराएदार स्वीकार नहीं किया जाता।

रिहाई मंच का प्रतिनिधि मंडल अधिवक्ता संतोष सिंह के नेतृत्व में पीड़ितों से मुलाकात करेगा।

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि योगी की प्रयागराजी पुलिस को हिंदू-मुस्लिम भाईचारा पसंद नहीं। पुलिस ने मामले का सांप्रदायिकरण किया और आम-अवाम ने उसका पुरजोर विरोध किया। साफ है कि जनता गंगा-जमुनी तहजीब के साथ है। पुलिस ने गाड़ी चालक जगदीश, तौसीफ और उनके परिजनों को मारा पीटा और उन पर फर्जी मुकदमा लाद दिया।

मंच अध्यक्ष ने मांग की कि फर्जी मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए, घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

रिहाई मंच नेता रविश आलम बताते हैं कि उनकी इस घटना के संबन्ध में पीड़ितों से बात हुई। तौसीफ ने बताया कि वो दिल के मरीज हैं। बेहोशी की हालत में उनको स्वरूप रानी अस्पताल (Swaroop Rani Hospital) ले जाया गया। सुबह जब उनकी आंख खुली तब

पता लगा कि वह अस्पताल में हैं। तौसीफ बहुत बात करने की स्थिति में नहीं थे।

तौसीफ के दोस्त और गाड़ी मालिक सर्वेश अग्रहरी ने बताया कि उनका दोस्त तौसीफ कल अपने परिवार के साथ मुंबई जा रहा था। मेरा ड्राइवर जगदीश उन्हें छोड़ने गया था। लेकिन इलाहाबाद में सिविल लाइन्स पुलिस की चेकिंग में पूरे कागज दिखाने पर भी वो बोले कि परमिट कहां है। जब तौसीफ ने कहा कि मेरे दोस्त की गाड़ी है तो पुलिस वाले बिगड़ गए, गाली-गलौज करने लगे और कहने लगे कि गाड़ी मालिक हिंदू है और तुम मुसलमान, तुम्हारा मित्र कैसे हो सकता है। गाड़ी का चालान कर दिया।

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कारण पूछने पर पुलिस ने तौसीफ को मारना शुरु कर दिया। गाड़ी में बैठी महिला बचाने के लिए गईं तो उनके साथ भी अभद्रता की गई।

पुलिस द्वारा की जा रही ज्यादती पर वहां मौजूद आम जनता ने भी विरोध किया पर पुलिस किसी की सुनने को तैयार न थी। पुलिस ने रात को भी जगदीश और तौसीफ को बहुत मारा। तौसीफ की हालात बिगड़ गई क्योंकि वो दिल का मरीज है।

यह घटना इलाहाबाद के सिविल लाइंस में हनुमान मंदिर चौकी की है। सोनारी, रामगंज अमेठी का रहने वाला मुस्लिम परिवार मुंबई की ट्रेन पकड़ने इलाहाबाद जंक्शन जा रहा था। महिलाओं ने ट्रेन के टिकट भी दिखाए पर पुलिस ने एक न सुनी और यही रट लगाती रही कि गाड़ी हिंदू की और उस पर सवार परिवार मुसलमान, ये कैसे हो सकता है।