सुप्रीम कोर्ट विवाद में जज बीएच लोया की रहस्यमय मृत्यु से जुड़ी 10 बातें जो जानना जरूरी हैं
10 things which are important to know about the mysterious death of judge BH Loya in the Supreme Court dispute
1. न्यायमूर्ति जे चेलेमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन लोकुर और कुरियन जोसेफ, जो मुख्य न्यायाधीश के बाद देश के सबसे वरिष्ठ जस्टिस हैं, को संविधान पीठ से बाहर रखा गया है जो आठ महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला करेगी। इनमें से एक, आधार प्रणाली को कानूनी चुनौती देने वाली याचिका है जिस पर आज ही सुनवाई शुरू की जाएगी।
2. जज बीएच लोया की रहस्यमय मृत्यु से जुड़ा मामला, जो इस अभूतपूर्व संकट के लिए मुख्य कारण था, को फिर से नई बेंच में भेजा जा सकता है। कल मामले की सुनवाई कर चुके दो न्यायाधीशों ने एक आदेश में कहा था कि मामले को "उचित पीठ के सामने रखा जाए"। अब यह तय करना मुख्य न्यायाधीश के ऊपर है कि वह इसके लिए अलग बनाते हैं या नहीं।
3. चार वरिष्ठतम न्यायमूर्ति, जिन्होंने लोकतंत्र को खतरे में बताते हुए प्रेस कांफ्रेंस की थी, उनका कहना था कि दूरगामी परिणाम वाले मामले अनुपयुक्त ढंग से आवंटित किए जा रहे हैं।
4. शुक्रवार को जज लोया की रहस्यमय मृत्यु से जुड़ा मामला जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच, जो सुप्रीम कोर्ट केवरिष्ठताक्रम में10वें नंबर पर है, कोआवंटित किए जाने के बाद चार वरिष्ठतम न्यायमूर्ति, जनता के बीच पहुंचे और कहा कि मुख्य न्यायधीश "मास्टर ऑफ द रोस्टर" "master of the roster" के मामले में अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
5. ख़बरों के मुताबिक सोमवार को अन्य जजों के साथ बैठक में जस्टिस अरुण मिश्रा भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि उनकी दक्षता के बारे में अनुचित सवाल उठाए गए।
6. दिसंबर 2014 में 48 वर्षीय सीबीआई जज बीएच लोया की नागपुर में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। बीएच
7. दो महीने पहले कारवाँ पत्रिका ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें जज लोया के रिश्तेदारों ने कहा था कि जज बीएच लोया की मृत्यु अप्राकृतिक थी। उनकी बहन अनुराधा बियाणी ने दावा किया था कि उन्हें अमित शाह के पक्ष में फैसला देने के लिए एक बड़ी रिश्वत की पेशकश की गई थी।
8. जज बीएच लोया की नागपुर में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु की जांच के लिए मांग बढ़ी, महाराष्ट्र के एक पत्रकार और राजनैतिक कार्यकर्ता- तहसीन पूनावाला ने सर्वोच्च न्यायालय से स्वतंत्र जांच के आदेश देने को कहने के लिए याचिका दायर की।
9. जज बीएच लोया के बेटे, अनुज लोया ( जो घटना के समय नाबालिक थे) ने रविवार को कहा था कि उन्हें अपने पिता की मौत के बारे में कोई संदेह नहीं था। नागपुर पुलिस ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जज लोया की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई और इसमें "कोई जांच जरूरी नहीं थी"।
10. महाराष्ट्र सरकार ने मुहरबंद लिफाफे में जज बीएच लोया की नागपुर में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु से संबंधित कुछ दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में जमा किए। महाराष्ट्र सरकार नहीं चाहती कि ये दस्तावेज कोई अन्य देखे। जस्टिस अरुण मिश्रा और एमएम शंतनगौड़ार ने हालांकि फैसला सुनाया कि याचिकाकर्ताओं को यह दस्तावेज देखने का अधिकार है।