कांग्रेस का सरकार पर तीखा हमला: "चीन-पाक गठजोड़ से देश को खतरा, लेकिन मोदी सरकार चुप"

नई दिल्ली, 4 जुलाई 2025: कांग्रेस ने एक बार फिर भारत-चीन संबंधों और चीन-पाकिस्तान गठजोड़ को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है।

पार्टी ने आरोप लगाया है कि सरकार देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है और चीन के खिलाफ संसद में बहस से लगातार भाग रही है।

सेना के डिप्टी चीफ के बयान को लेकर कांग्रेस हमलावर

कांग्रेस ने भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह के हालिया बयान का हवाला देते हुए सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने बताया है कि जनरल सिंह ने कहा था :

"ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान सामने मोर्चे पर था, लेकिन चीन उसकी पूरी मदद कर रहा था। पाकिस्तान के पास 81% सैन्य हथियार चीन के दिए हुए हैं।"

इस बयान को बेहद गंभीर बताते हुए कांग्रेस ने कहा है कि भारत की सुरक्षा के लिए चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां बड़ा खतरा हैं, लेकिन मोदी सरकार आंख मूंदे बैठी है।

राहुल गांधी पहले ही कर चुके हैं आगाह

कांग्रेस ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कई बार चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य और रणनीतिक सहयोग को लेकर सरकार को आगाह कर चुके हैं। पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल से कहा गया :

"राहुल गांधी बार-बार यह चेतावनी दे चुके हैं कि चीन भारत को घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है, लेकिन मोदी सरकार चीन के प्रति नरमी बरत रही है।"

चीन पर चर्चा से 5 साल से भाग रही है मोदी सरकार

कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह पिछले पांच वर्षों से संसद में चीन के मुद्दे पर चर्चा की मांग करती रही है, लेकिन सरकार ने अब तक इस पर कोई गंभीर बहस नहीं कराई। पार्टी ने कहा है कि

"देश जानना चाहता है कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक चीन को 'क्लीन चिट' दी हुई है? गलवान घाटी में सैनिकों की शहादत के बाद भी मोदी जी चुप थे, और आज भी खामोश हैं।"

चीन पर मानसून सत्र में बहस की मांग

कांग्रेस ने आगामी संसद के मानसून सत्र में चीन पर विस्तृत चर्चा कराने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि देश को पता होना चाहिए कि चीन और पाकिस्तान की मिलीभगत से कैसे निपटा जाए।

पार्टी ने कहा,

"हमारी मांग है कि संसद के मानसून सत्र में चीन और पाकिस्तान से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा हो ताकि देश एकजुट होकर जवाब देने की रणनीति बना सके।"

कांग्रेस की प्रमुख मांगें:

  • चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ पर संसद में तत्काल बहस
  • सेना के उच्चाधिकारियों की चेतावनी को गंभीरता से लिया जाए
  • गलवान, अरुणाचल, और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे
  • भारत की सामरिक नीति में विपक्ष को भरोसे में लिया जाए
  • पृष्ठभूमि में चीन का बढ़ता हस्तक्षेप

जैसा कि आप जानते हैं कि हाल के महीनों में अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और भूटान सीमा पर चीनी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। साथ ही पाकिस्तान के साथ उसके सैन्य सहयोग, संयुक्त अभ्यास और हथियार आपूर्ति में तेजी आई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि चीन भारत को रणनीतिक रूप से चारों ओर से घेरने की नीति पर काम कर रहा है, जिसे 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' भी कहा जाता है।