मिजो शांति समझौते का ऐतिहासिक महत्व

  • 1986 में मिजो शांति समझौते में राजीव गांधी की भूमिका
  • मिजो शांति समझौते की मुख्य शर्तें और परिणाम
  • ‘रेमना नी’ का सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश

मिजोरम में स्थायी शांति की ओर एक बड़ा कदम

Mizo Peace Accord was signed today: A historic initiative for peace and stability under the leadership of Rajiv Gandhi

1986 में राजीव गांधी के नेतृत्व में हुआ मिजो शांति समझौता मिजोरम में स्थायी शांति और स्थिरता की नींव बना। जानिए इसका इतिहास और महत्व।

नई दिल्ली, 30 जून 2025। कांग्रेस ने सोमवार को मिजोरम के नागरिकों को ‘रेमना नी’ (Remna Ni) की शुभकामनाएं देते हुए 1986 में हुए मिजो शांति समझौते (Mizo Peace Accord) को याद किया।

पार्टी ने एक ट्वीट में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में हुए इस ऐतिहासिक समझौते को देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया, जिसने मिजोरम में दशकों तक चले उग्रवाद को समाप्त कर एक नए युग की शुरुआत की।

मिजो शांति समझौता क्या था?

30 जून 1986 को भारत सरकार और मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के बीच मिजो शांति समझौता हस्ताक्षरित हुआ। यह समझौता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में हुआ, जब केंद्र सरकार और मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के बीच गहन बातचीत के बाद यह ऐतिहासिक सहमति बनी। समझौते पर भारत सरकार की ओर से गृह सचिव जी. पार्थसारथी और एमएनएफ की ओर से लालडेंगा ने हस्ताक्षर किए।

इस समझौते ने 1966 से चले आ रहे सशस्त्र संघर्ष को समाप्त कर मिजोरम में शांति, लोकतंत्र और विकास का मार्ग प्रशस्त किया। ललडेंगा, जो एक समय मिजोरम में विद्रोही नेता थे, इस समझौते के बाद राजनीति में लौटे और 1987 में मिजोरम के पहले मुख्यमंत्री बने।

मिजो शांति समझौते की मुख्य शर्तें
  • मिजो नेशनल फ्रंट ने भारत के संविधान के प्रति पूर्ण निष्ठा व्यक्त की।
  • एमएनएफ के कैडरों को आम माफी दी गई और उन्हें राजनीतिक मुख्यधारा में लाया गया।
  • मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया (जो 20 फरवरी 1987 को लागू हुआ)।
  • मिजोरम में विकास के लिए विशेष आर्थिक सहायता और पुनर्वास योजनाओं की घोषणा की गई।
क्यों है ‘रेमना नी’ का महत्व?

‘रेमना नी’ हर वर्ष 30 जून को मिजोरम में मनाया जाता है। यह दिन उस ऐतिहासिक समझौते की स्मृति में मनाया जाता है, जिसने मिजोरम को हिंसा से निकाल कर एक शांतिपूर्ण राज्य बनाया। यह दिन मिजो समाज की एकता, भारत के संघीय ढांचे में विश्वास और लोकतंत्र की ताकत का प्रतीक है।

कांग्रेस का ट्वीट

कांग्रेस ने आज ट्वीट कर कहा –

"Greetings to the people of Mizoram on Remna Ni!

On this day in 1986, the landmark Mizo Peace Accord was signed under the leadership of Shri Rajiv Gandhi, bringing an end to decades of insurgency and ushering in an era of peace and stability."

मिजो शांति समझौता भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक उल्लेखनीय अध्याय है, जो यह दर्शाता है कि संवाद, विश्वास और राजनीतिक इच्छाशक्ति से सबसे जटिल समस्याओं का समाधान संभव है। यह समझौता न केवल मिजोरम में बल्कि पूरे उत्तर-पूर्व भारत में स्थायी शांति के लिए एक प्रेरणा बना।