Hastakshep.com-आपकी नज़र-Dr. Kavita Arora-dr-kavita-arora-डॉ. कविता अरोरा-ddon-kvitaa-aroraa

उफ़्फ़ दिसम्बर की बहती नदी से बदन पर लोटे उड़ेलने की उलैहतें ..

इकतीस है हर साल की तरह फिर रीस है ..

घाट पर ख़ाली होगा ग्यारह माह के कबाड़ का झोला ..

साल फिर उतार फेंकेगा पुराने साल का चोला ..

जश्न के वास्ते सब घरों से छूट भागेंगे ..

रात के पहर रात भर जागेंगे ..

दिसम्बरी घाट पर अलाव बलेगा ..

रात भर आज रात का जश्न चलेगा ..

सुरूर भरी आँखों वाली शब जब देखेगी उजाला

समझेगी साल ने सचमुच सब कुछ बदल डाला ..

पैबंद लगी हँसी से सब मुस्करायेंगे

फिर झूठ पर झूठ का मुलम्मा चढ़ायेंगे...

डॉ. कविता अरोरा

डॉ. कविता अरोरा (Dr. Kavita Arora)
डॉ. कविता अरोरा (Dr. Kavita Arora) कवयित्री हैं, महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली समाजसेविका हैं और लोकगायिका हैं। समाजशास्त्र से परास्नातक और पीएचडी डॉ. कविता अरोरा शिक्षा प्राप्ति के समय से ही छात्र राजनीति से जुड़ी रही हैं।

Welcome New Year 2020
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