नई दिल्ली, 15 दिसंबर 2019. बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के दुर्दिन लगता है शुरू हो गए हैं। कैब पर जद(यू) कुनबे में छिड़ी जंग पर कभी नीतीश के गुरु रहे वरिष्ठ समाजवादी नेता शिवानन्द तिवारी (Shivanand Tivary) ने पूछा है कि ” जदयू में आरसीपी इतना ताकतवर कैसे हो गए हैं !”
“जदयू में आरसीपी इतना ताकतवर कैसे हो गए हैं ! नीतीश कुमार प्रशांत किशोर को जदयू में रखना चाहते हैं. उनका इस्तीफ़ा ख़ारिज कर रहे हैं. तो आरसीपी उनको वहाँ से भगाना चाहते हैं !
सब जानते हैं कि नीतीश जी की इजाज़त की बग़ैर उनकी पार्टी में पत्ता भी नहीं ख़ड़क सकता है. ऐसे माहौल में उनकी इच्छा के विपरीत सार्वजनिक रूप से बोलने की हैसियत आरसीपी ने कैसे अर्जित कर ली है !
नीतीश जी भले ही दावा करें कि एनआरसी यानी नागरिक रजिस्टर बिहार में नहीं लागू होगा. लेकिन स्पष्ट है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तो अब संशोधित नागरिकता क़ानून के आधार पर ही बनेगा. अमित शाह बार-बार कह रहे हैं कि एक-एक घुसपैठियों को निकाल बाहर करेंगे. ये लोग घुन की तरह देश को चाट रहे हैं. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनाने की घोषणा तो भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में ही कर दिया था. जबकि नीतीश जी की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया था. इसका अर्थ तो यही है कि वह भाजपा के ही घोषणा पत्र पर लोकसभा का चुनाव लड़ी था.
नागरिकता क़ानून का समर्थन करने के बाद अब स्पष्ट हो चुका है कि नीतीश जी किसी दबाव में हैं. उसी दबाव में उन्होंने नागरिकता क़ानून में संशोधन का समर्थन किया है. अन्यथा तीन तलाक़ और 370 का विरोध करने वाला संविधान और देश की हमारी विशिष्टता
शिवानन्द”