लखनऊ, 22 फरवरी। भाकपा (माले) ने योगी सरकार 2.0 के बजट को धोखा बताया है। पार्टी ने कहा है कि इस बजट का प्रदेश के विकास और युवाओं की बेरोजगारी से कोई लेना-देना नहीं है, न ही महंगाई से कोई राहत मिलने जा रही है। बजट में ढकोसलेबाजी की गई, जिससे प्रदेशवासियों का कोई भला नहीं होगा। यह कारपोरेट का हित साधने वाला बजट है।
माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने विधानसभा में बुधवार को वित्तमंत्री सुरेश खन्ना द्वारा प्रस्तुत किये गए बजट पर जारी अपनी संक्षिप्त प्रतिक्रिया में कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी दर घटने की बात सिर्फ योगी सरकार की फाइलों में है, जो सफेद झूठ है। हकीकत में, बेरोजगारी की विकराल समस्या का सामना करने वाली नीति भाजपा सरकार के पास नहीं है, जो इस बजट से और उजागर हुआ है। युवाओं को देने के लिए सरकार के पास रोजगार नहीं, सिर्फ जुमले हैं और युवा आगामी लोकसभा चुनाव में इस झांसे में आने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में उद्योगपतियों को न्योता देकर बुलाया गया और अरबों रुपये खर्च कर 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मिट' किया गया, जो दरअसल विकास की आड़ में प्रदेश को बेचने का ही एक आयोजन था। ताजा बजट उसी दिशा में लक्षित है।
एक अन्य बयान में, माले राज्य सचिव ने कानपुर देहात में अतिक्रमण-विरोधी अभियान के दौरान मां-बेटी के जिंदा जल जाने की घटना पर अपनी ताजा गीत से योगी सरकार की आलोचना करने पर लोकगायिका नेहा राठौर को पुलिस द्वारा नोटिस जारी करने की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला और संस्कृतिकर्मियों को चुप कराने व उन्हें सरकारी बनाने
Notice issued to folk singer Neha Rathore, action to silence culture workers - CPI (ML)