भुवनेश्वर, 24 अप्रैल। बीजू जनता दल - Biju Janata Dal (बीजद) के गढ़ माने जाने वाले ओडिशा में अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी भारतीय जनता पार्टी - Bharatiya Janata Party (भाजपा) में अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई है। अभी तक इस तटीय राज्य में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा माने जाते रहे हैं। लेकिन, अब ऐसा लग रहा है कि पार्टी अपना रुख बदल रही है और पूर्व आईएएस अफसर अपराजिता सारंगी (Aparajita Sarangi) या संबित पात्रा (Sambit Patra) को अपने प्रमुख चेहरे के तौर पर पेश कर रही है।
ओडिशा की राजधानी (Capital of Odisha) में बड़ी-बड़ी होर्डिग लगी हुई हैं जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यहां से पार्टी प्रत्याशी अपराजिता सारंगी की तस्वीरें हैं लेकिन इनमें धर्मेद्र प्रधान नजर नहीं आ रहे हैं।
हालांकि पार्टी, प्रधान के नेतृत्व में एकजुट टीम के रूप में खुद को पेश कर रही है लेकिन सारंगी की हैसियत इससे अलग लग रही है।
बिहार में जन्मी 1994 बैच की ओडिशा कैडर की आईएएस सांरगी ने बीते साल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और नवंबर में भाजपा में शामिल हो गईं। वह केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव (मनरेगा) के पद पर थीं।
अपराजिता ओडिशा में कई पदों पर काम कर चुकी हैं। इनमें भुवनेश्वर नगर निगम आयुक्त, खुर्दा जिला कलेक्टर और ओडिशा सरकार में स्कूल एवं जनशिक्षा व पंचायती राज सचिव के पद शामिल हैं।
परोक्ष रूप से सत्ता समीकरण में हो रहे बदलाव की एक वजह यह समझी जा रही है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं पाने की स्थिति में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल से गठबंधन की तरफ देख रही है।
पटनायक कह चुके हैं कि किसी को भी केंद्र में बहुमत नहीं
हालांकि, भाजपा ने साफ किया है कि पार्टी में किसी भी तरह से कोई पावर शिफ्ट नहीं हो रहा है।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि केवल सारंगी ही नहीं, पूरे ओडिशा में ऐसे कई पार्टी प्रत्याशी हैं जिन्होंने अपने पोस्टर पर केवल खुद की और नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई हुई है। इसमें कोई खास बात नहीं है।
उन्होंने कहा,
"अगर सत्ता समीकरण बदले होते तो धर्मेद्र प्रधान पूरे राज्य में पार्टी के लिए प्रचार नहीं कर रहे होते। यह अपराजिता सारंगी कर रही होतीं।"
ओडिशा में चुनाव चार चरणों में हो रहे हैं।
Odisha: The BJP's inner conflict on the surface?