नई दिल्ली। जो महिलाएं कम सोती हैं या अपनी नींद पूरी नहीं कर पाती, वह अपना तुंरत इलाज कराएं, क्योंकि एक नए शोध के मुताबिक निद्रा की समस्याओं से ग्रस्त महिलाओं को टाइप-2 मधुमेह होने की अधिक संभावना होती है।
प्रतिष्ठित समाचारपत्र देशबन्धु ने न्यूयार्क डेटलाइन से एक खबर प्रकाशित की है, जिसके मुताबिक अमेरिका के हावर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ता यानपिग ली के अनुसार, "निद्रा की परेशानी महत्वपूर्ण रूप से टाइप-2 मधुमेह से जुड़ी है। इस संबंध को आंशिक रूप से उच्च रक्तचाप, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और अवसाद से संबंधित लक्षणों द्वारा समझाया गया है। इसके अलावा जब इसके साथ निद्रा के विकार जुड़ जाते हैं, तो यह संबंध अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं, जिससे टाइप 2 मधुमेह होने का अधिक खतरा होता है।"
इस शोध में साल 2000 से 2011 के बीच हुए दो अलग-अलग अध्ययनों में 1,33,353 महिलाओं पर हुए शोध के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था। इन महिलाओं में मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर जैसी कोई शिकायत नहीं थी, लेकिन अध्ययन पूरा होने के बाद करीब 6,047 महिलाओं में टाइप-2 मधुमेह का विकास देखा गया। शोधर्थियों के मुताबिक ये निष्कर्ष बताते हैं कि अच्छी और पर्याप्त नींद टाइप-2 मधुमेह की रोकथाम में मददगार है। अध्ययन रिपोर्ट शोध पत्रिका 'डायबेटोलॉजिया' में प्रकाशित हुई है।
देशबन्धु