Hastakshep.com-देश-cervical cancer News-cervical-cancer-news-एचपीवी-ecpiivii-गर्भाशय-grbhaashy-ग्रीवा कैंसर-griivaa-kainsr-योनि-yoni-सर्वाइकल कैंसर-srvaaikl-kainsr

सेक्स से फैलने वाला खतरनाक रोग

नई दिल्ली। केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवम् परिवार कल्‍याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बताया है कि स्‍वास्‍थ्‍य एवम् परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने 2010 में 21 राज्‍यों के 100 चुनिन्दा जिलों में प्रयोग के तौर पर ‘’कैंसर, मधुमेह, सीवीडी और मस्तिष्‍काघात की रोकथाम और नियंत्रण पर राष्‍ट्रीय कार्यक्रम’’ शुरू किया था। इसका उद्देश्‍य कैंसर, मधुमेह और सीवीडी की वजह से एनसीडी पर तेजी से बढ़ते बोझ की चुनौती से निपटना था।

'AV Magni Visualizer' for the screening of cervical cancer

श्री आजाद ने यह जानकारी आज यहाँ गर्भाश्‍य ग्रीवा कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) की जाँच के लिये ‘ए वी मैग्‍नी विजुअलाइजर’ की शुरूआत करते हुये दी।

इस उपकरण का डिजाइन और विकास इंस्टीट्यूट ऑफ साइटोलॉजी एंड प्रिवेंटिव ऑकोलॉजी (आईसीपीओ) नोएडा ने किया है। यह संस्‍थान आईसीएमआर के प्रमुख संस्‍थानों में से है और महामारी विज्ञान और स्‍वदेशी एचपीवी टीके के विकास में शामिल रहा है।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में श्री आजाद ने आईसीएमआर और आईसीपीओ के वैज्ञानिकों को गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की आरम्भिक अवस्‍थाओं में जाँच (Early stage investigation of cervical cancer) के लिये किफायती और सस्‍ते उपकरण को डिजाइन और विकसित करने के लिये बधाई दी।

class="has-text-align-justify">उन्‍होंने कहा कि भारत के ग्रामीण और अर्द्ध शहरी हिस्‍सों में अब भी गर्भाश्‍य ग्रीवा कैंसर की वजह से सबसे ज्‍यादा मौतें होती हैं। एक अनुमान के अनुसार हर साल गर्भाश्‍य ग्रीवा कैंसर के करीब 13200 मामलों का पता चलता है और हर साल इसके कारण 74000 मौतें होती हैं। वर्ष 2010 में कैंसर की वजह से हुय़ी कुल मौतों में से नौ फीसदी मौतें इसी की वजह से हुयीं।

The largest number of deaths due to cervical cancer still occur in rural and semi-urban parts of India.

श्री आजाद ने कहा कि इस उपकरण से गर्भाश्‍य ग्रीवा कैंसर का प्रारम्भिक अवस्‍थाओं में पता चल पाना आसान होगा और इस प्रकार उसका इलाज ज्‍यादा प्रभावी रूप से हो सकेगा। उन्‍होंने कहा कि फिलहाल गर्भाश्‍य ग्रीवा कैंसर की जाँच की सुविधा सिर्फ क्षेत्रीय कैंसर संस्‍थानों और मेडिकल कॉलेजों में ही उपलब्‍ध है। उन्‍होंने कहा कि इस समय जो उपकरण इस्‍तेमाल में लाया जाता है, वह काफी महँगा है। इसके परिणामस्‍वरूप बहुत से मेडिकल कॉलेज उसे खरीद नहीं पाते। उन्‍होंने कहा कि नया उपकरण काफी सस्‍ता होगा और उसे पहले पहल जिला और उप-जिला समुदाय स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों और उसके बाद प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में पहुँचाया जायेगा।

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. वी.एम. कटोच ने कहा कि इससे देश की बहुसंख्‍य महिलाओं को लाभ होगा और गर्भाश्‍य ग्रीवा कैंसर की वजह से अस्‍वस्‍थता और मौतों की संख्‍या में कमी लाई जा सकेगी, जो फिलहाल इस रोग के प्रारम्भिक अवस्‍थाओं में पकड़ में न आने की वजह से बहुत ज्‍यादा है।

उन्‍होंने कहा कि इस उपकरण की सटीकता और प्रभाव का आकलन पिछले दो वर्षों के दौरान पाँच क्षेत्रों में परीक्षणों के माध्‍यम से किया गया।

इस अवसर पर स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्रीमती संतोष चौधरी, स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री ए.एच. खान चौधरी, सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य) के. देसीराजू, लव वर्मा सचिव, (डीएसी) और स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी और वैज्ञानिक उपस्थि‍त थे।

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