जालंधर, 3 जनवरी (इंडिया साइंस वायर) : पंजाब का जालंधर शहर देश के सबसे बड़े विज्ञान सम्मेलन का मेजबान बना है क्योंकि इस बार 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी-2019) का आयोजन इसी शहर में किया जा रहा है। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में 3 से 7 जनवरी तक चलने वाली भारतीय विज्ञान कांग्रेस की थीम इस बार ‘भविष्य का भारत : विज्ञान और प्रौद्योगिकी रखी गई है।’ बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन किया।
इस बार भारतीय विज्ञान कांग्रेस में जर्मन-अमेरिकी जीव रसायन विज्ञानी थॉमस क्रिस्चियन सुडॉफ, ब्रिटिश मूल के भौतिक-विज्ञानी प्रोफेसर फ्रेडरिक डंकन हेल्डेन और इजरायल के जीव रसायनशास्त्री एवरम हेर्शको समेत दुनिया के तीन प्रमुख नोबेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक शामिल हो रहे हैं।
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आईएससी के 106वें संस्करण के बारे में कहा है कि ‘भविष्य का भारत : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’ विषय वस्तु पर आधारित यह आयोजन देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के भविष्य और उसकी रूपरेखा को निर्धारित करने में मददगार साबित हो सकता है।’
दुनिया की राष्ट्रीय विज्ञान अकादमियों समेत भारत की विज्ञान और इंजीनियरिंग अकादमियां भी विज्ञान कांग्रेस में भाग ले रही हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, इसरो, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और जैव प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़े विभिन्न शोध संस्थानों एवं प्रयोगशालाओं से जुड़े वैज्ञानिक इसमें शामिल हो रहे हैं।
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर अशोक मित्तल के मुताबिक विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग के छात्रों ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए खासतौर पर सोलर पावर चलित 12 सीटों वाली ड्राइवर रहित बस तैयार की है।
देश के विश्वविद्यालयों, विज्ञान अकादमियों और उनसे जुड़े छात्रों एवं शोधार्थियों के अलावा अन्य देशों के विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान विभिन्न विषयों पर वैज्ञानिक चर्चाओं
भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन (आईएससीए) के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार चक्रवर्ती के अनुसार, ‘भारतीय विज्ञान कांग्रेस का यह संस्करण भारत के भविष्य के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है क्योंकि यह युवाओं के बीच विचारों एवं नवोन्मेषों के आदान-प्रदान का एक बड़ा मंच उपलब्ध करा रहा है।’
जालंधर में पहली बार भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले 105वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन गत वर्ष मणिपुर विश्वविद्यालय, इंफाल में किया गया था। वर्ष 1914 से भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन द्वारा विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। भारत में आधुनिक विज्ञान को आगे बढ़ाना एवं समाज के विकास के लिए इसका उपयोग इस संस्था की स्थापना का उद्देश्य रहा है। आरंभ से ही भारत के शीर्ष वैज्ञानिक, शिक्षाविद् एवं राजनेता से इस संस्था से जुड़े रहे है।
2018 was a great year for Indian science.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2019
Our nation achieved a lot and we must do a lot more in the years to come so that science continues to enhance India’s progress. pic.twitter.com/unqxdhoT1c
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