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एस आर दारापुरी की लखनऊ में गिरफ्तारी की निंदा

    लखनऊ, 3 जुलाई। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने पूर्व एडीजीपी व सामाजिक कार्यकर्ता एस आर दारापुरी और साथियों की सोमवार को यहां यूपी प्रेस क्लब के पास गिरफ्तार कर लिये जाने की कड़ी निंदा की है।

पार्टी राज्य स्थायी समिति (स्टैन्डिंग कमेटी) के सदस्य अरुण कुमार ने इसे योगी सरकार की तानाशाही बताया।

अरुण कुमार ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी और असहमति के अधिकार पर भाजपा राज में हमले हो रहे हैं। कुशीनगर में योगी के दौरे से पहले प्रशासन द्वारा दलित बस्ती में साबुन, शैम्पू वितरित कराने की कार्रवाई पर अपने विरोध को सीएम तक पहुंचाने के लिए गुजरात से लखनऊ आ रहे दलितों को रविवार को बीच रास्ते झांसी में ही जबरन ट्रेन से उतार कर गिरफ्तार कर लिया गया। उनके साथ एकजुटता जताने वालों की आज लखनऊ में गिरफ्तारी की गई।

    उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले दलितों को लुभाने और उनका वोट हासिल करने के लिए भाजपा ने तरह-तरह के उपक्रम किये। लेकिन सरकार बनाने के बाद उसका असली रुप सामने आ गया है। यानि, हाथी के दांत दिखाने के अलग, खाने के अलग। शब्बीरपुर (सहारनपुर) की घटना इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।

उन्होंने दारापुरी और गिरफ्तार सभी साथियों की बिना शर्त अविलंब रिहाई की मांग की।