नई दिल्ली, 17 अगस्त 2019 ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) से पीड़ित महिलाओं (Women with severe sleep apnea) में पुरुषों की अपेक्षा कैंसर होने का खतरा ज्यादा है। शोधकर्ताओं ने इस बात की चेतावनी दी है।
द यूरोपियन रेस्पिरेटरी पत्रिका में प्रकाशित यह अध्ययन (The research, published in the European Respiratory Journal) प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है जो ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) - obstructive sleep apnea (OSA) से पीड़ित कुल मिलाकर 20,000 वयस्क मरीजों पर यूरोपियन डेटाबेस ईएसएडीए (European database ESADA,) में संग्रह किया गया है। इनमें से दो प्रतिशत मरीजों में कैंसर का पता लगाया गया।
मुख्य शोधकर्ता लॉगर ग्रोट (Ludger Grote) सोल्ग्रेनस्का एकेडमी, गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय (Sahlgrenska Academy, University of Gothenburg) में पल्मोनरी मेडिसिन के एडजंक्ट प्रोफेसर हैं, जो नींद की दवा के विशेषज्ञ (specializing in sleep medicine) हैं। वह सोल्ग्रेनस्का विश्वविद्यालय अस्पताल में स्लीप मेडिसिन विभाग में एक वरिष्ठ सलाहकार विभागाध्यक्ष भी हैं।
स्वीडन में गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के प्राध्यापक लॉगर ग्रोट के मुताबिक,
"यह मान लेना उचित है कि स्लीप एपनिया कैंसर के लिए एक जोखिम कारक है या दोनों ही स्थितियों के जोखिम कारक हैं जैसे कि ओवरवेट। दूसरी ओर इसकी संभावना कम है कि कैंसर से स्लीप एपनिया हो सकती है।"
शोधकर्ताओं के मुताबिक, बढ़ती उम्र कैंसर के बढ़ते जोखिम के साथ संबंधित है, लेकिन उम्र, लिंग, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), धूम्रपान और मादक द्रव्यों के उपयोग के आंकड़ों को समायोजित करने से पता चलता है कि रात में निरंतर हाइपोक्सिया से कैंसर होने का खतरा और भी बढ़ जाता है।
यह संबंध पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक देखा गया।
ग्रोट के मुताबिक,
"हमारा परिणाम कैंसर के जोखिम की ओर इशारा करता है जो स्लीप एपनिया से पीड़ित महिलाओं में दो से तीन
शोध में कहा गया कि स्लीप एपनिया से लोग भली-भांति परिचित हैं, इससे खर्राटे, दिन में थकान और दिल की बीमारियों के होने का खतरा रहता है और यह सामान्यत: पुरुषों में अधिक होता है।