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गौरव अवस्थी

रायबरेली। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की पौत्री श्रीमती मनोरमा देवी शर्मा का गत दिनों निधन हो गया। उनके निधन के साथ ही आचार्य जी के वंश का आखिरी चिराग भी बुझ गया। उनके निधन पर जिले के साहित्यकारों, पत्रकारों और समाजसेवियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी नि:संतान थे। उन्होने अपने भांजे कमला किशोर त्रिपाठी को गोद लिया था। मनोरमा देवी शर्मा पिता कमला किशोर त्रिपाठी की अकेली ही संतान ही थीं। लगभग 95 साल की श्रीमती शर्मा जीवन के आखिरी दिनों हरिद्वार के वानप्रस्थ आश्र्रम में रह रहीं थी। बीमारी के चलते गत दिनों उनका हरिद्वार में ही निधन हो गया।

   श्रीमती शर्मा जन्मस्थान पर आचार्य जी के भव्य स्मारक के लिए सदैव ही चिंतित रहीं। इसीलिए उन्होने स्मारक के लिए संघर्ष कर रही आचार्य  द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति को जन्मस्थान और स्मृति मंदिर से जुड़ी सहन की जमीन स्मारक के लिए प्रदान कर दी थी।

   उनके निधन पर समिति के अध्यक्ष विनोद शुक्ल, महामंत्री अनिल मिश्र, कोषाध्यक्ष मजहर अब्बास नकवी, सतीश मिश्र, अरुण कुमार सिंह, राजाराम मौर्य आदि ने गहरा शोक जताया है। श्री शुक्ल ने कहा कि उनके निधन से आचार्य द्विवेदी के वंश का आखिरी चिराग भी बुझ गया। यूथ एक्टिीविटी फोरम के अध्यक्ष सुधीर द्विवेदी, महामंत्री स्वतंत्र पांडेय, डॉ. सुशीलचंद्र मिश्रा, राजेश द्विवेदी, नीलेश मिश्रा ने भी शोक जताया है।

   साहित्यकार विनोद सिंह गौर, आनंद स्वरूप श्रीवास्तव, दुर्गाशंकर वर्मा 'दुर्गेश', आचार्य सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर ने भी शोक जताते हुए ईश्वर से मृतात्मा की शांति के लिए प्र्रार्थना की। उनके निधन पर बुजुर्ग पत्रकार कपिल दत्त अवस्थी, मधुसूदन मिश्र, विजयकरण द्विवेदी, कांग्रेस प्रवक्ता विनय द्विवेदी, प्राथमिक शिक्षक नेता लल्लन मिश्रा, डॉ. चंद्रमणि बाजपेई, समाजसेवी राजेश वर्मा, कर्मचारी नेता प्रमोद अवस्थी, रामेंद्र मिश्रा आदि ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

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