बरेली, 31 जुलाई 2019. आज उपन्यास सम्राट और हिंदी कहानी के पुरोधा, प्रगतिशील साहित्यकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मुंशी प्रेमचंद की जयंती है। इस अवसर पर “झुमका गिरा रे” वाली बरेली नगरी में बरेली के जिलाधिकारी वीरेंद्र सिंह की पहल पर हिंदी साहित्य के पुरोधा प्रेमचन्द जी की कहानियों पर आधारित नाटकों का मंचन आज 31 जुलाई से 9 अगस्त तक संजय कम्युनिटी हाल में किया जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बरेली से मुंशी प्रेमचंद का गहरा रिश्ता था।
प्रसिद्ध साहित्यकार और उत्तर प्रदेश सरकार में प्रशासनिक अधिकारी अशोक शुक्ला, जो पूर्व में बरेली में पदस्थ रहे हैं, ने बताया कि कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की स्मृति में होने वाले आयोजनों में से बरेली के साहित्यिक मित्रों द्वारा प्रेमचंद महोत्सव का आयोजन प्रमुख आयोजन है। उन्होंने बताया कि जनपद बरेली में आयोजित होने के कारण यह महोत्सव एक ख़ास अहमियत इसलिए रखता है क्योंकि प्रेमचंद जी का बरेली से खास नाता रहा है। वो बरेली के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित राधेश्याम जी के समकालीन थे।
इस नाटक पर मुंशी जी को जमकर गालियां पड़ी थीं, पर उस से कोई फर्क नहीं पड़ता, ये सब तो आज भी होता है।
इस नाटक में मुंशी जी ने इसमें ये भी दिखाया था कि अरब में रह रहे बहुत से हिन्दू हुसैन के साथ कर्बला में लड़े और मरे थे। हिंदुस्तान के हुसैनी ब्राह्मणों की कहानी उन्हीं हिन्दुओं की कहानी है, जो हुसैन के साथ कर्बला में शहीद हुए। इसके सुबूत नहीं हैं, मगर ये बात सैकड़ों सालों से मौजूद रही है कि बहुत से हिन्दू हुसैन के साथ
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