गाजियाबाद, 17 अप्रैल। अगर डॉक्टरों की मानें तो मधुमेह यानी डायबिटीज़ (Diabetes) असल में पांच अलग-अलग बीमारियां हैं और इन सभी का इलाज भी अलग-अलग होना चाहिए। डायबटीज शरीर में शुगर की मात्रा (Amount of sugar in the body) बढ़ जाने पर होती है, और इसे सामान्यतः दो प्रकारों में बांटा गया है टाइप-1 और टाइप-2.
विश्वभर में प्रत्येक 11 में से एक वयस्क मधुमेह से पीड़ित है. मधुमेह की वजह से दिल का दौरा पड़ना, स्ट्रोक, अंधापन और किडनी फेल होने के खतरे बने रहते हैं,
यह जानकारी आज के समय की भयावह बीमारियों में से एक मधुमेह रोग पर डॉक्टरों ने यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी में एक मेडिकल सेमिनार में हुई चर्चा में दी।
मेडिकल सेमिनार (Medical seminar) का उद्घाटन यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की निदेशक श्रीमती उपासना अरोड़ा ने किया। इस कांफ्रेंस में ट्रांस हिंडन, गाज़ियाबाद के 50 चिकित्सकों ने भाग लिया। वरिष्ठ मधुमेह रोग विशेषज्ञ (Diabetologist in Delhi/NCR) डॉक्टर अमित छाबड़ा ने सेमिनार को सम्बोधित किया।
बुधवार को आयोजित मेडिकल कांफ्रेंस में मधुमेह - डायबिटीज के क्षेत्र में आई एक नई दवाई एसजीएलटी 2 इन्हीबिटर (SGLT 2 Inhibitors) की उपलब्धियों, जिससे मरीजों को किडनी एवं हृदय के ऊपर पड़ने वाले प्रभावों से बचाया जा सकता है, तथा इसी दवाई से ब्लड प्रेशर में भी आराम मिल जाता है और मोटापे के मरीजों में वजन भी कम होने लगता है, पर चर्चा हुई। शोधकर्मियों का मानना है कि उन्होंने इस बीमारी से जुड़ी और भी अधिक जटिल तस्वीर सबके सामने लाने में कामयाबी प्राप्त की है और इससे मधुमेह के उपचार का तरीका बदल सकता है.
इस हेतु चर्चा में वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ
कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर बीएस त्यागी, डॉ रमाकांत गुप्ता, डॉ पीएन चौधरी, डॉक्टर आजाद, डॉक्टर कोटलिया, डॉ अश्वनी कंसल, डॉ अभिनव पांडे, डॉ रुचि, डॉ राहुल शुक्ला, डॉक्टर सुनील डागर, डॉ अनुज अग्रवाल, डॉक्टर राज भूषण, गौरव पांडे एवं अनुपम भी मौजूद थे।