नई दिल्ली, 25 अक्तूबर। क्या आप बहुत थके हुए, असहाय और निराशाजनक महसूस करते हैं?
क्या आपने पहले की कई गतिविधियों और हितों में रुचि खो दी है?
क्या आपको काम करने, सोने, खाने और काम करने में परेशानी हो रही है?
क्या आपने दिन के बाद इस तरह महसूस किया है?
अवसाद एक सामान्य मानसिक बीमारी है। यदि व्यक्ति 14 दिन या उससे अधिक समय तक उदासी से घिरा रहता है, उसकी उन गतिविधियों में रुचि नहीं रहती जिनसे वह सामान्य तौर पर आनन्द का अनुभव करता था, तो यह स्थिति अवसाद या डिप्रेशन की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इसके अलावा, अवसाद वाले लोगों में आमतौर पर निम्नलिखित में से कई लक्षण हो सकते हैं: आंतरिक ऊर्जा का ह्रास; भूख में बदलाव; अधिक या कम सोना; चिंता, कम एकाग्रता; अनिश्चितता; बेचैनी; बेकारता, अपराध, या निराशा की भावनाएं; और आत्म-हानि या आत्महत्या के विचार।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ की फैक्ट शीट के मुताबिक हालांकि अवसाद के अधिकांश मामलों का निदान युवा वयस्कों में किया जाता है, लेकिन किसी भी उम्र में अवसाद हो सकता है। अवसाद विकसित होने के लिए कुछ लोग उच्च जोखिम पर होते हैं, यदि आप एक बड़े वयस्क हैं, तो आप उच्च जोखिम पर हो सकते हैं यदि आप:
स्त्री हैं
अथवा कैंसर, मधुमेह या हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारी से जूझ रहे हैं
विकलांगता के शिकार हैं,
खराब नींद लेते हैं,
एकाकी जीवन जीते हैं या सामाजिक रूप से अकेले हैं।
अवसाद का व्यक्तिगत या पारिवारिक इतिहास है,
कुछ खास
एक मस्तिष्क रोग से पीड़ित हैं,
शराब या नशीली दवाओं का दुरुपयोग करते हैं
अथवा
आपने अपने जीवन में तनावपूर्ण घटनाओं जैसे पति / पत्नी को खोया है, तलाकशुदा हैं या किसी पुरानी बीमारी वाले परिजन की देखभाल कर रहे हैं।
( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह समाचारों में उपलब्ध सामग्री के अध्ययन के आधार पर जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई रिपोर्ट मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)
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