सर्दी में भी दे गर्मी का एहसास, यह विज्ञापन तो आपने भी सुना होगा और इन दिनों सर्दियां (winter) हैं और आप भी सर्दी से बचाव (Cold protection) के लिए ऊनी कपड़े पहनते हैं, परन्तु कभी आपने सोचा है कि हम गर्मी में सूती, सर्दी में ऊनी तथा बारिश में सिंथेटिक कपड़े क्यों पहनते हैं। क्या आप मौसम के अनुकूल कपड़े पहनने का वैज्ञानिक कारण (Scientific reasons to wear weather-friendly clothing) जानते हैं ? चलिए आज हम आपको गर्मी में सूती, सर्दी में ऊनी तथा बारिश में सिंथेटिक कपड़े पहनने का कारण बताते हैं।
Why do we wear cotton cloth in summer?
गर्मियों में पसीना अधिक आता है, जिसे सोखने की क्षमता केवल सूती कपड़ों में ही होती है। ऊनी एवं सिंथोटिक कपड़ों में हवा रूक जाती है, जबकि सूती कपड़ों में ऐसा नहीं होता। उसमें व्याप्त महीन छिद्रों में से हवा आती रहती है। इसलिए वे सुविधाजनक लगते हैं। गर्मी में सफेद रंग के सूती कपडे पहने जाते हैं। इसका कारण यह है कि सफेद रंग सूर्य के प्रकाश का अधिकांश भाग परावर्तित कर देता है। जबकि यदि गहरे रंग या काले रंग के कपड़े पहने तो वह सूर्य के प्रकाश को अपने में समाहित कर लेता है। इसलिए सफेद रंग के कपड़ों में गर्मी कम तथा काले रंग के कपड़ों में गर्मी अधिक लगती है। सफेद रंग के कपड़े पहनने से शरीर को शीतलता का अहसास होता है। जबकि गहरे रंग परेशानी का सबब बनते हैं।
Why wear warm or woolen clothes in winter?
सर्दी का मौसम आते ही हम गर्म या ऊनी कपड़े पहनना शुरू कर देते हैं। इसका वैज्ञानिक कारण है कि ऊन ऊष्मा की कुचालक (Heat conductor) है तथा इसके रेशों के बीच बहुत सारी हवा बंद
ऊन के वस्त्र और शरीर के बीच में वायु की परत होने के कारण भी शरीर से ऊष्मा बाहर नहीं निकल पाती। इसलिए ऊनी कपड़े पहनने से गर्मी का अहसास होता है।
Why wear synthetic clothes in the rainy season?
बारिश के मौसम में ऊष्मा अधिक होती है, ऐसे में सूती कपड़े उचित नहीं रहते, अत: सिंथेटिक कपड़े पहनना उचित रहता है, क्योंकि वे जल्दी सूख जाते हैं।
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(स्रोत- देशबन्धु)
सूती और ऊनी कपड़े के रेशे में अंतर,