नई दिल्ली, 03 अप्रैल 2020 : जनता कर्फ्यू के दौरान ताली-थाली पिटवाने का टोटका करवाने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो संदेश जारी कर (Prime Minister Narendra Modi released a video message) आगामी 5 अप्रैल को मोमबत्ती जलाने का नया टोटका आजमाने को कहा है।
आज प्रातः 9 बजे प्रधानमंत्री ने एक रिकॉर्डेड वीडियो संदेश (PM Modi Speech On Coronavirus 0n 3rd April 2020) जारी कर कहा कि सरकार, 'प्रशासन, लोगों ने लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए बहुत मेहनत की है। यह दुनिया के लिए एक मिसाल है। बहुत से देश हम जो कर रहे हैं, उसके प्रति आभार जता रहे हैं।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं। इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव दोनों का परिचय दिया है वो अभूतपूर्व है। शासन प्रशासन और जनता ने इस स्थिति को अच्छे ढंग से संभालने का पूरा प्रयास किया है।'
प्रधानमंत्री ने कहा,
'आपने जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया वो भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है। आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं।'
प्रधानमंत्री ने कहा,
'हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए।'
प्रधानमंत्री ने कहा,
'ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का। इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है। इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए, हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है।'
प्रधानमंत्री ने कहा,
'इस रविवार 5 अप्रैल को, हम सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है।'
प्रधानमंत्री ने कहा,
'घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। और उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा। उस प्रकाश में, उस रोशनी में, उस उजाले में, हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासी, एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प हैं।'
'मेरी एक और प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इसे करना है। Social Distancing की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है। हमारे यहां कहा गया है- उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्। स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्॥ यानि, हमारे उत्साह, हमारी स्प्रिट से बड़ी फोर्स दुनिया में कोई दूसरी नहीं है।'